देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों में छात्रों की डिग्री के सत्यापन का कार्य तेजी के साथ किया जाएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने इसके लिए आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।
यूजीसी के मुताबिक छात्रों के हितों के मद्देनजर डिग्री और सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन प्रक्रिया टाइम बांउड वयवस्था के अन्तर्गत पूरी करने का निर्देश जारी किया है। दरअसल विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के लिए छात्रों को अपने प्रमाण पत्रों का सत्यापन करवाना पड़ता है।
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस बारे में आधिकारिक निर्देश जारी किया है। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने विश्वविद्यालयों के लिए जारी किए गए निर्देश में कहा कि विभिन्न विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपनी डिग्रियों और सर्टिफिकेट के सत्यापन को लेकर यूजीसी से अपील की है। इसी के मद्देनजर विश्वविद्यालयों को छात्रों की डिग्री और सर्टिफिकेट की प्रमाणिकता का सत्यापन जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए गए हैं।
हालांकि यूजीसी ने छात्रों की अपील पर अपना उत्तर देते हुए यह स्पष्ट किया है कि यूजीसी डिग्रियों एवं सर्टिफिकेट का सत्यापन नहीं करता है। यह कार्य संबंधित विश्वविद्यालयों को ही करना है।
छात्रों की इन सुविधाओं एवं अपील के मद्देनजर ही यूजीसी ने देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से छात्रों की डिग्री व अन्य प्रमाण पत्र का टाइम बाउंड मैनर में सत्यापन करने को कहा है।
वहीं यूजीसी ने उन योजनाओं, पुरस्कारों, फैलोशिप और कार्यक्रमों को लागू कर रहा है जिनके तहत उच्च शिक्षा संस्थानों के साथ-साथ पूर्वोत्तर राज्यों में काम करने वाले संकाय सदस्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। संकाय सदस्यों को यह वित्तीय सहायता ज्ञान के क्षेत्रों को कवर करने वाले गुणवत्ता अनुसंधान करने के लिए दी जा रही है।
यूजीसी ने कहा कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए की गई कुछ पहलें हैं इनमें च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, उत्कृष्टता की संभावना वाले विश्वविद्यालय, विशेष क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए संभावित केंद्र, शैक्षणिक अनुसंधान और नैतिकता के लिए संघ (केयर), बुनियादी विज्ञान अनुसंधान, भारत की विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए ट्रांस-अनुशासनात्मक अनुसंधान योजना शामिल हैं।
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Source : IANS