logo-image

संयुक्त किसान मोर्चा 31 जनवरी को मनाएगा 'विश्वासघात दिवस'

किसानों के साथ हुए धोखे का विरोध करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 जनवरी को हुई अपनी बैठक में यह फैसला किया था.

Updated on: 30 Jan 2022, 09:17 PM

नई दिल्ली:

संयुक्त किसान मोर्चा सोमवार यानि 31 जनवरी को देश भर में 'विश्वासघात दिवस' मनाएगा. किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया है. किसान नेताओं का कहना है कि सरकार के 9 दिसंबर 2021 के जिस पत्र के आधार पर आंदोलन स्थगित किया गया था, उनमें से कोई एक वादा पूरा नहीं किया है. इसके चलते जिला और तहसील स्तर पर रोष प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे. मोर्चे से जुड़े सभी किसान संगठन, जोर-शोर से इसकी तैयारी में जुटे हैं. उम्मीद है कि यह प्रदर्शन देश के कम से कम 500 जिलों में आयोजित किया जाएगा. दरअसल, किसानों के साथ हुए धोखे का विरोध करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 15 जनवरी को हुई अपनी बैठक में यह फैसला किया था. इन प्रदर्शनों में केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन भी दिया जाएगा.

कोई वादा पूरा नहीं किया किसानों का कहना है कि 15 जनवरी के फैसले के बाद भी, भारत सरकार ने 9 दिसंबर के अपने पत्र में किया कोई वादा पूरा नहीं किया है. इसमें मांग की गई थी कि आंदोलन के दौरान हुए दर्ज किए गए मामलों को तत्काल वापस लिया जाए और शहीद परिवारों को मुआवजा दिया जाए, लेकिन अब तक कोई वादा पूरा नहीं हुआ. वहीं, एमएसपी के मुद्दे पर भी सरकार ने कमेटी के गठन की कोई घोषणा नहीं की है, इसलिए मोर्चे ने देशभर में किसानों से आह्वान किया है कि 'विश्वासघात दिवस' के माध्यम से सरकार तक अपना रोष पहुंचाएं.

यह भी पढ़ें: Punjab: कांग्रेस ने प्रत्याशियों की एक और लिस्ट की जारी, 2 सीटों से चुनाव लड़ेंगे CM चन्नी

आगामी 23 और 24 फरवरी को देश की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 4 लेबर कोड वापस लेने के साथ-साथ किसानों को एमएसपी और प्राइवेटाइजेशन के विरोध जैसे मुद्दों पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है, किसान संगठन इसमें भी शामिल होंगे.

शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने यह स्पष्ट किया है कि 'मिशन उत्तर प्रदेश' जारी रहेगा. मतलब बीजेपी को यूपी विधानसभा चुनाव में सबक सिखाया जाएगा. इसके तहत, देश के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त और गिरफ्तार न करने और उत्तर प्रदेश सरकार की किसान विरोधी नीतियों को लेकर उत्तर प्रदेश की जनता से बीजेपी को सजा देने का आह्वान किया जाएगा. इस मिशन को आगामी 3 फरवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मीडिया के सामने रखा जाएगा. इसके तहत एसकेएम के सभी संगठन पूरे प्रदेश में साहित्य वितरण, प्रेस कॉन्फ्रेंस, सोशल मीडिया और सार्वजनिक सभा के माध्यम से भाजपा को सजा देने का संदेश पहुंचाएंगे.