बिहार में बीजेपी के लिए राह नहीं आसान, केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने डिनर कार्यक्रम में आने से किया मना
जेडीयू ने साफ़ कर दिया है कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान अगर बीजेपी बिहार में नीतीश कुमार के चेहरे के साथ चुनाव लड़ना चाहती है तो उन्हें 25 सीट उनकी पार्टी को देनी होगी।
नई दिल्ली:
बिहार में बीजेपी द्वारा एनडीए के सभी सहयोगी दलों को साथ साधने की कोशिश नाकाम होती दिख रही है।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी नेता और केंद्रीय राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को एनडीए सहयोगी दलों के लिए आयोजित डिनर पार्टी में हिस्सा लेने से मना कर दिया है।
वहीं जेडीयू ने साफ़ कर दिया है कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान अगर बीजेपी बिहार में नीतीश कुमार के चेहरे के साथ चुनाव लड़ना चाहती है तो उन्हें 25 सीट उनकी पार्टी को देनी होगी।
जेडीयू के नेशनल जनरल सेक्रेटरी श्याम रजक ने गुरुवार को कहा, 'नीतीश कुमार बिहार में महत्वपूर्ण भूमिका रहे हैं। हमने 2014 में 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी इतने सीटों पर ही चुनाव लड़ेंगे। इससे कम सीटों पर चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता है। अगर एनडीए नीतीश कुमार की छवि का फायदा उठाना चाहते हैं तो उसे जेडीयू के साथ न्याय करना होगा।'
श्याम रजक ने आगे कहा, 'बिहार की ज्यूडिशियरी में आरक्षण है तो इसे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में लागू क्यों नहीं किया जाता। ऐसे फ़ैसले बीजेपी के इरादों पर संदेह पैदा करते हैं। यदि वह अम्बेडकर और दलितों के प्रति समर्पित हैं, तो उन्हें बिहार के दलितों के साथ न्याय करना चाहिए। एनडीए को मजबूत गठबंधन साबित करने के लिए बीजेपी को हमें सम्मानजनक हिस्सेदारी देनी चाहिए।'
इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि हम विचारधारा और नीतियों के आधार पर एनडीए के साथ हैं लेकिन यह कहना झूठ नहीं होगा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है। हमें जिस तरह से प्राथमिकता मिलनी चाहिए थी, वह नहीं मिली है। हालांकि बीजेपी हमें वो सम्मान देती है तो हम अभी की तरह आगे भी एनडीए का हिस्सा बने रहेंगे।'
गौरतलब है कि मोदी सरकार के चार साल पूरे होने पर बीजेपी ने आज पटना में एनडीए के सभी सहयोगियों के लिए डिनर का आयोजन किया था।
बीजेपी 2019 लोकसभा चुनाव से पहले अपने सभी सहयोगी दलों के साथ संबंध बेहतर करने की कोशिश में जुटी है। इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बुधवार को नाराज़ शिनवसेना को मनाने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिलने पहुंचे थे।
ज़ाहिर है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन के सहयोगी दल अपनी राजनैतिक हैसियत तलाशने की कोशिश में जुट गए हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए सभी सहयोगी दलों को साथ लेकर चलना मुश्किल भरी चुनौती होगी।
और पढ़ें- बच्चे गलती करते हैं, इसीलिए पत्थरबाजों पर दर्ज मामला वापस: राजनाथ
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट