Omicron पर हेल्थ मिनिस्ट्री के राज्यों को निर्देश, जरूरत हो तो नाइट कर्फ्यू लगाएं
केन्द्र सरकार ने कहा है कि कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन पहले के डेल्टा के मुकाबले तीन गुना अधिक संक्रामक है और इसे देखते हुए सभी राज्यों को अपनी तरफ से सतर्कता बरतते हुए पूरी तैयारी रखनी चाहिए.
नई दिल्ली:
कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने पूरी दुनिया को दहशत में ला दिया है. भारत की बात करें तो यहां ओमिक्रॉन के 200 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं, जिसने केंद्र व राज्य सरकारों को चिंता में डाल दिया है. ओमिक्रॉन के सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र में दर्ज किए गए हैं. यहां ओमिक्रॉन 65 केस मिले हैं. ओमिक्रॉन के बढ़ते खौफ के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में स्वास्थ्य सचिव राज्यों से दो टूक कहा है कि ओमिक्रॉन पर सतर्क होने की जरूरत है और अगर जरूरत पड़े तो नाइट कर्फ्यू जैसे कदम भी उठाए जाएं. आपको बता दें कि ओमिक्रॉन का पहला केस 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में देखने को मिला था, जिसके दो दिन बाद यानी 26 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसको वेरिएंट ऑफ कंसर्न की सूची में डाल दिया था.
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केन्द्र सरकार ने कहा है कि कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन पहले के डेल्टा के मुकाबले तीन गुना अधिक संक्रामक है और इसे देखते हुए सभी राज्यों को अपनी तरफ से सतर्कता बरतते हुए पूरी तैयारी रखनी चाहिए. केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लिखे एक पत्र में कहा है कि वे कोरोना के इस नए वेरिएंट को लेकर सावधानी बरतें और किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखें. इसमें कहा गया है कि भले ही कम मामले दर्ज किए जाएं लेकिन इन पर पूरी नजर रखनी है और स्थानीय स्तर तथा जिला स्तर पर सक्रिय कदम उठाएं जाएं.
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उन्होंने कहा कि मौजूदा वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि यह डेल्टा के मुकाबले तीन गुना अधिक संक्रामक है. इसके अलावा डेल्टा वेरिएंट अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है और वह देश के विभिन्न हिससों में मौजूद हैं। इसे देखते हुए अधिक दूरदर्शिता, आंकड़ों के त्वरित और सटीक विश्लेषण, मौके की नजाकत को समझते हुए निर्णय लेने की क्षमता, कड़े एंव त्वरित कंटेनमेंट जोन बनाए जाने का कार्य स्थानीय और जिला स्तर पर जरूरी है.
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