संसद के मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों ने कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा, संघीय ढांचे पर प्रहार, महंगाई, अग्निपथ योजना और केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग सहित 20 मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की है तो वहीं सरकार ने जवाब दिया कि नियम और प्रक्रिया के तहत सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है।
संसद के मानसून सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया कि कांग्रेस ने 13 मुद्दों और अन्य विपक्षी दलों ने 7 विभिन्न मुद्दों पर सरकार से चर्चा कराने की मांग की है।
खड़गे ने बताया कि सर्वदलीय बैठक के दौरान विपक्षी दलों ने जम्मू-कश्मीर के हालात, कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा, संघीय ढांचे पर प्रहार, महंगाई, अग्निपथ योजना, ईडी और सीबीआई जैसे केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग, चीनी घुसपैठ, विदेश नीति, 34 हजार करोड़ के घोटाले सहित 20 मुद्दों पर संसद सत्र के दौरान चर्चा की मांग की है। उन्होंने संसद सत्र के छोटे होने की बात कहते हुए कहा कि सरकार ने 32 विधेयक की बात कही है और विपक्ष 20 मुद्दों पर चर्चा चाहता है, यह इतने छोटे सत्र में कैसे हो पाता है देखना होगा। विपक्ष की तरफ से सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति का भी मुद्दा उठाया गया।
सरकार की तरफ से जवाब देते हुए केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि नियमों और प्रक्रियाओं के मुताबिक लोक सभा अध्यक्ष और राज्य सभा सभापति की अनुमति से सरकार हर मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति के विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए जोशी ने कहा कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बैठक में यह मुद्दा उठाया था लेकिन कांग्रेस को यह याद रखना चाहिए कि 2014 से पहले उनकी सरकार के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कितनी बार इस तरह की बैठक में आए थे?
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आने का मसला हो या असंसदीय शब्दों का मामला हो या धरना-प्रदर्शन पर रोक का मामला, इस पर विपक्ष की प्रतिक्रिया से यह साफ जाहिर हो रहा है कि उनके पास मोदी सरकार को घेरने के लिए कोई ठोस मुद्दा नहीं है इसलिए वो नॉन इशू को इशू बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने विपक्षी दलों पर संसद की इमेज खराब करने का आरोप लगाते हुए इसकी निंदा भी की।
संसद सत्र की छोटी अवधि के दौरान 32 बिल लाने के खड़गे द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए जोशी ने कहा कि 14 बिल अभी तैयार हैं और जहां तक सभी 32 विधेयकों का सवाल है, हमने उन्हें इसलिए बता दिया है कि वो इसे लेकर अपनी तैयारी कर लें और उसके बारे में हमें अपने सुझाव दें।
सर्वदलीय बैठक के दौरान, आप सांसद संजय सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उपराज्यपाल द्वारा सिंगापुर जाने की अनुमति नहीं देने का मसला उठाया। डीएमके सांसद टीआर बालू ने श्रीलंकाई तमिलों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार से श्रीलंका में हस्तक्षेप की मांग की। अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब में बिगड़ रहे हालात पर सदन में चर्चा कराने की मांग की।
बैठक के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार की तरफ से इस सर्वदलीय बैठक के लिए 45 राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया था जिसमें से 36 पार्टियों के नेता बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि सत्र के मुद्दों को लेकर बैठक में मौजूद सभी 36 दलों ने अपनी-अपनी बातें रखी।
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Source : IANS