वसुंधरा राजे सिंधिया ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, राजस्थान के राजनीतिक हालात पर एक घंटे से भी ज्यादा देर तक हुई बात
वसुंधरा राजे सिंधिया ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, राजस्थान के राजनीतिक हालात पर एक घंटे से भी ज्यादा देर तक हुई बात
नई दिल्ली:
दरअसल, वसुंधरा राजे सिंधिया वर्तमान में पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, लेकिन, वे राजस्थान में होने वाले विधान सभा चुनाव में अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वसुंधरा गुट की तरफ से लगातार आलाकमान पर यह दवाब बनाया जा रहा है कि पार्टी उन्हें अपना चेहरा घोषित कर चुनाव में उतरे लेकिन राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए पार्टी आलाकमान काफी पहले ही सैद्धांतिक तौर पर यह फैसला कर चुका है कि पार्टी राजस्थान में किसी भी नेता को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर चुनाव में नहीं उतरेगी।
पार्टी गहलोत सरकार को हराने के लिए यह तय कर चुकी है कि प्रदेश का विधान सभा चुनाव सामूहिक नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा। हालांकि, इसके साथ ही यह भी संदेश दिया जाता रहा कि वसुंधरा राजे सिंधिया के राजनीतिक कद और अनुभव को देखते हुए पार्टी उन्हें विधान सभा चुनाव के मद्देनजर कोई बड़ी भूमिका दे सकती है। लेकिन राज्य भाजपा में लगातार बदल रहे समीकरणों की वजह से वसुंधरा राजे का गुट अपने आपको असहज महसूस कर रहा है। पार्टी आलाकमान लगातार यह कोशिश कर रहा है कि प्रदेश भाजपा में व्याप्त गुटबाजी समाप्त हो और वसुंधरा राजे सिंधिया समेत पार्टी के सभी नेता मिलकर विधान सभा चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुट जाएं।
जेपी नड्डा स्वयं राजस्थान भाजपा के नेताओं को कई बार यह नसीहत दे चुके हैं। क्योंकि पार्टी आलाकमान का यह मानना है कि अगर पार्टी नेताओं के बीच आपसी गुटबाजी और खींचतान जारी रही तो प्रदेश में चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा।
हाल ही में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष ने प्रदेश के सवाईमाधोपुर में आयोजित विजय संकल्प बैठक में राजस्थान भाजपा के नेताओं को संबोधित करते हुए दो टूक शब्दों में यह नसीहत दी थी कि भाजपा को प्रदेश में सरकार बनानी है, राजस्थान बहुत महत्वपूर्ण राज्य है और इसलिए सभी नेताओं को आपस में गिले-शिकवे दूर कर विधान सभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाना चाहिए।
बताया जा रहा है कि बीएल संतोष ने कुछ नेताओं के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए यह भी कहा था कि संगठन के किसी भी नेता की अनदेखी ठीक नहीं है और प्रदेश में सभी को एकजुट होकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार को विधान सभा चुनाव में हराने के लिए जुट जाना चाहिए।
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