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Twitter ने गंवाया कानूनी सुरक्षा अधिकार, IT नियम न मानना पड़ा भारी

ट्विटर की ओर से 25 मई से लागू हुए आईटी नियमों का अनुपालन अब तक नहीं किया गया, जिसके बाद उसके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है.

Updated on: 16 Jun 2021, 09:11 AM

highlights

  • ट्विटर पर भी अब आईपीसी के तहत मामले दर्ज हो सकेंगे
  • आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई
  • अकेला अमेरिकी प्लेटफॉर्म, जिसका कानूनी संरक्षण वापस

नई दिल्ली:

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) को नए आईटी नियमों का पालन न करना भारी पड़ गया है. इस वजह से ट्विटर ने अब देश में कानूनी सुरक्षा का आधार गंवा दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्विटर की ओर से 25 मई से लागू हुए आईटी नियमों का अनुपालन अब तक नहीं किया गया, जिसके बाद उसके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है. यानी ट्विटर पर भी अब आईपीसी के तहत मामले दर्ज हो सकेंगे और पुलिस पूछताछ भी कर सकेगी. ट्विटर पर यह सख्ती ऐसे समय में हुई है जब एक वायरल वीडियो के संबंध में उसपर गाजियाबाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. माना जा रहा है कि अब इस मामले को लेकर ट्विटर पर कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी. गौरतलब है कि नए आईटी नियम (IT Laws) 25 मई, 2021 से लागू हो चुके हैं, लेकिन ट्विटर ही एक ऐसा अकेला प्लेटफॉर्म है जिसने सरकार की तरफ से कई बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद इन नियमों का पालन नहीं किया है.

देश के कानून के हिसाब से हो सकेगी कार्रवाई
देश में इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म का दर्जा गंवाने के बाद अब ट्विटर के खिलाफ किसी भी गैर-कानूनी सामग्री को लेकर भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई की जा सकेगी. इस कदम के बाद ही ट्विटर अब अकेला ऐसा अमेरिकी प्लेटफॉर्म है जिससे आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत मिलने वाला यह कानूनी संरक्षण वापस ले लिया गया है, जबकि गूगल, फेसबुक, यूट्यूब, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम जैसे अन्य प्लेटफॉर्म के पास अभी भी यह सुरक्षा है. इससे पहले मंगलवार को ट्विटर ने कहा था कि उसने भारत के लिए अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त कर लिया है. जल्द ही अधिकारी का ब्योरा सीधे सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ साझा किया जाएगा. सरकार ने ट्विटर को दिए एक नोटिस में कहा था कि उसे नियमों के अनुपालन का आखिरी मौका दिया जाता है. उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है. यदि वह इसमें विफल रहती है, तो उसे आईटी कानून के तहत दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी. इसके साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा. 

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गाजियाबाद मामले में हो ही चुकी है एफआईआऱ
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस ने एक बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता किए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जिनमें से एक ट्विटर इंडिया भी है. इन सभी पर घटना को गलत तरीके से सांप्रदायिक रंग देने की वजह से यह एक्शन लिया गया है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि एक बुजुर्ग मुस्लिम को पीटा गया और उसकी दाढ़ी काट दी गई. गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक, ट्विटर ने वीडियो को वायरल होने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया. पुलिस के मुताबिक इस मामले की सच्चाई कुछ और है. पीड़ित बुजुर्ग ने आरोपी को कुछ ताबीज दिए थे जिनके परिणाम न मिलने पर नाराज आरोपी ने इस घटना को अंजाम दिया, लेकिन ट्विटर ने इस वीडियो को मैन्युप्युलेटेड मीडिया का टैग नहीं दिया. पुलिस ने यह भी बताया कि पीड़ित ने अपनी एफआईआऱ में जय श्री राम के नारे लगवाने और दाढ़ी काटने की बात दर्ज नहीं कराई है.