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चीनी सरहद के पास पैरा कमांडोज का अभ्यास, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने किया शौर्य का प्रदर्शन

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सुरक्षा हालात का जायजा लेने के लिए एक दिवसीय दौर पर लेह पहुंचे हैं.

Updated on: 17 Jul 2020, 11:31 AM

लेह:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) सुरक्षा हालात का जायजा लेने के लिए एक दिवसीय दौर पर लेह पहुंचे हैं. रक्षा मंत्री के इस दौरे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे भी उनके साथ हैं. लेह (Leh) के स्टकना में पैंगॉन्ग झील के पास रक्षा मंत्री के सामने पैरा कमांडोज ने अपने शौर्य का शानदार प्रदर्शन किया. दुश्मन के इलाके में ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए तैनात पैरा कमांडोज ने युद्ध अभ्यास किया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने पैरा कमांडोज ने अभ्यास करके दिखाया कि कैसे ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं.

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रक्षा मंत्री की मौजूदगी में स्टकना में भारतीय सशस्त्र बलों के सैनिकों ने पैरा ड्रापिंग अभ्यास किया तो जमीन पर भारतीय सेना के जवानों ने भी शानदार प्रदर्शन दिखाया. इसके अलावा टैंकों के जरिए भी भारतीय सेना ने शौर्य का प्रदर्शन किया. लेह के स्टकना में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिका मशीन गन का निरीक्षण किया. सीमा मुद्दे पर चीन के साथ हिंसक टकराव के बाद रक्षामंत्री यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भारतीय सशस्त्र बल सभी आधुनिक व नए हथियारों और मटेरियल्स से लैस रहे.


गौरतलब है कि पैंगॉन्ग झील वही इलाका है जहां बीते कुछ दिनों पहले भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी. तभी से पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध चल रहा है. हालांकि कई दौर की राजनयिक एवं सैन्य बातचीत के बाद छह जुलाई से दोनों ओर के सैनिक पीछे हटना शुरू हुए हैं.

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बताया जा रहा है कि 13 हजार 800 फीट की ऊंचाई से पैरा कमांडोज ने आज ऑपरेशन को अंजाम दिया. वायुसेना के कई हेलिकॉप्टर पैंगॉन्ग झील के पास मंडराते नजर आए. चीन से टकराव के दौर में थल सेना और वायु सेना के बीच बेहतर तालमेल के लिए भी यह ऑपरेशन काफी महत्वपूर्ण है. भारतीय सेना के इस संयुक्त अभ्यास से चीन को स्पष्ट जवाब दिया गया है कि हम उसकी हर चालबाजी का जवाब देने के लिए तैयार हैं.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन के साथ जारी सीमा विवाद के मद्देनजर वह क्षेत्र में सुरक्षा हालात की विस्तृत समीक्षा करेंगे. रक्षा मंत्री के इस दौरे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे भी उनके साथ हैं. राजनाथ सिंह को भी 3 जुलाई को ही दौरे पर जाना था, लेकिन किन्हीं कारणों से उनका जाना नहीं हो पाया. इससे पहले तीन जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का औचक दौरा किया था. उन्होंने सैनिकों को संबोधित किया था और संकेत दिए थे कि भारत-चीन सीमा विवाद के संबंध में भारत का रुख सख्त रहेगा.

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