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व्यापारी संगठनों ने भी जूम प्लेटफॉर्म का किया बहिष्कार, ऑनलाइन मीटिंग के लिए घरेलू प्लेटफॉर्म का कर रहे हैं इस्तेमाल

कनफेडेरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation Of All India Traders-CAIT) ने कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म के तौर पर जियोमीट (JIOMEET) को अपना लिया है.

Updated on: 07 Jul 2020, 10:35 AM

नई दिल्ली :

व्यापारी संगठनों ने भी जूम प्लेटफॉर्म (ZOOM Platform) का बहिष्कार किया है. देशभर के कारोबारी और कारोबारी संगठन जूम प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं करेंगे. कनफेडेरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (Confederation Of All India Traders-CAIT) ने कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म के तौर पर जियोमीट (JIOMEET) को अपना लिया है. कैट की टेक्नोलॉजी टीम मौजूदा अन्य टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म का भी आकलन कर रही है.

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कैट ने ई कॉमर्स पालिसी को जल्द लागू करने की मांग की
बता दें कि चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अपने राष्ट्रीय अभियान के चलते कनफेडेरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने सोमवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) को एक पत्र भेजकर मांग की थी कि सरकार ई कॉमर्स पालिसी (E-Commerce Policy) को जल्द से जल्द लागू करे जिसमें सभी वर्गों के व्यापार के लिए समान नीति बने जिससे विदेशी ई कॉमर्स कंपनियां देश के रिटेल व्यापार पर भारी डिस्काउंट, लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना जैसे व्यापारिक प्रवृतियों को न चला सकें. ई कॉमर्स के लिए एक रेग्युलेटर के गठन की व्यवस्था हो तथा ई कॉमर्स के जरिये बिकने वाले प्रत्येक उत्पाद पर अनिवार्य रूप से निर्मित देश का नाम और उस वस्तु में कितना वैल्यू एडिशन किया गया है यह साफ रूप से अंकित हो.

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विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों ने भारत को बना दिया है डंपिंग ग्राउंड
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) ने आज यहां कहा की गोयल को भेजे पत्र में कहा की विदेशी ई कॉमर्स कंपनियों ने चीन के गुणवत्ता रहित सस्ते उत्पाद के लिए भारत को एक डंपिंग ग्राउंड बना दिया है. निर्मित मूल देश का विवरण और वैल्यू एडिशन के विवरण लिखने से यह स्पष्ट हो सकेगा की वो वस्तु कहां बनी है और ग्राहक अपनी मर्ज़ी के अनुसार खरीद कर सकेंगे. भरतिया और खंडेलवाल ने कहा की कोरोना के बाद देश में व्यापार करने का तौर तरीका भी बदल रहा है और ग्राहकों के खरीददारी करने के तरीके में भी बड़ा परिवर्तन आ रहा है.