मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट हुए श्रमिक संगठन, 26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान

सरकार की जन विरोधी, कर्मचारी विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्रविरोधी नीतियों के खिलाफ संयुक्त संघर्ष को तेज करने और 26 नवंबर, 2020 को देशव्यापी आम हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया गया है.

सरकार की जन विरोधी, कर्मचारी विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्रविरोधी नीतियों के खिलाफ संयुक्त संघर्ष को तेज करने और 26 नवंबर, 2020 को देशव्यापी आम हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया गया है.

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Dhirendra Kumar
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Nationwide Strike

देशव्यापी हड़ताल (Nationwide Strike)-सांकेतिक( Photo Credit : newsnation)

श्रमिक संगठनों (Trade Unions) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार की नीतियों के खिलाफ आगामी 26 नवंबर 2020 को देशव्यापी हड़ताल (Nationwide Strike) का आह्वान किया. दस केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनके सहयोगी संगठनों की घोषणा के अनुसार हड़ताल पर जाने का निर्णय दो अक्टूबर को कामगारों के ऑनलाइन राष्ट्रीय सम्मेलन में किया गया. इसमें कहा गया है कि सम्मेलन में सभी कामगारों से, चाहे वे यूनियन से जुड़े हो या नहीं, संबद्ध हो अथवा नहीं, संगठित क्षेत्र से या फिर असंगठित क्षेत्र से जुड़े हों.

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श्रमिक संगठनों का सरकार पर जन विरोधी, कर्मचारी विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्रविरोधी नीतियों का आरोप
सरकार की जन विरोधी, कर्मचारी विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्रविरोधी नीतियों के खिलाफ संयुक्त संघर्ष को तेज करने और 26 नवंबर, 2020 को देशव्यापी आम हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया गया है. केंद्रीय श्रमिक संगठनों और स्वतंत्र महासंघों/संघों द्वारा संयुक्त रूप से ऑनलाइन आयोजित कामगारों का राष्ट्रीय सम्मेलन महामारी के बीच पहली बार हुआ है. ट्रेड यूनियनों ने आरोप लगाया कि जहां सभी संकेत यह बता रहे हैं कि मांग में कमी के कारण अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट आ रही है, सरकार कारोबार सुगमता के नाम पर अपनी नीतियों को आगे बढ़ा रही है। इससे निर्धनता तथा संकट और बढ़ रहा है. सम्मेलन में कामगारों से संयुक्त रूप से राज्य/जिला/उद्योग/क्षेत्र के स्तर पर जहां भी संभव हो, भौतिक रूप से अन्यथा ऑनलाइन सम्मेलन अक्टूबर के अंत तक आयोजित करने को कहा गया है.

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हड़ताल में ये संगठन हो सकते हैं शामिल
साथ ही श्रम संहिताओं का कामगारों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में व्यापक अभियान नवंबर के मध्य तक चलाने को कहा गया है. इसके बाद 26 नवंबर, 2020 को एक दिन की आम हड़ताल का आह्वान किया गया है. सम्मेलन में शामिल श्रमिक संगठनों में इंटक (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस), एटक (ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस), एचएमएस (हिंद मजदूर सभा), सीटू (सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन), एआईयूटीयूसी (ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर), टीयूसीसी (ट्रेड यूनियन कार्डिनेशन सेंटर), सेवा (सेल्फ एम्प्लायड वुमेन्स एसोसिएशन), एआईसीसीटीयू (ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन), एलपीएफ (लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशनल), यूटीयूसी (यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस) और स्वतंत्र महासंघों और संघ शामिल हुए.

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