हाथरस केस पर उमा भारती बोलीं- पुलिस की कार्रवाई से सरकार-BJP की छवि पर आई आंच

भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने शुक्रवार को कहा कि हाथरस की घटना में उत्तर प्रदेश पुलिस की ‘संदिग्ध’ कार्रवाई के कारण भाजपा, राज्य सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को नुकसान पहुंचा है.

भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने शुक्रवार को कहा कि हाथरस की घटना में उत्तर प्रदेश पुलिस की ‘संदिग्ध’ कार्रवाई के कारण भाजपा, राज्य सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को नुकसान पहुंचा है.

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Deepak Pandey
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भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती( Photo Credit : फाइल फोटो)

भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने शुक्रवार को कहा कि हाथरस की घटना में उत्तर प्रदेश पुलिस की ‘संदिग्ध’ कार्रवाई के कारण भाजपा, राज्य सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने योगी से अनुरोध किया कि मीडियाकर्मियों तथा नेताओं को पीड़िता के परिवार से मिलने दिया जाए. कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद उमा भारती को ऋषिकेश के एम्स में भर्ती करवाया गया है.

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उमा भारती ने कहा कि अगर उनका स्वास्थ्य ठीक होता तो वह खुद भी पीड़िता के परिवार से मिलने हाथरस जातीं. उन्होंने कहा कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह निश्चित ही परिवार से मिलने जाएंगी. उमा भारती ने हिंदी में कई ट्वीट किए. इनमें उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस की संदिग्ध कार्रवाई के कारण भाजपा, उत्तर प्रदेश सरकार और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को नुकसान पहुंचा है.

भारती ने कहा कि वह हाथरस प्रकरण पर करीब से नजर रखे हुए हैं. साथ ही उन्होंने योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया कि मीडियाकर्मियों एवं राजनीतिक दलों के लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने दिया जाए. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को साफ-सुथरी छवि वाला शासक बताते हुए भारती ने कहा कि मैं आपसे वरिष्ठ एवं आपकी बड़ी बहन हूं. हालांकि उन्होंने यह भी जताया कि पुलिस द्वारा गांव और पीड़ित परिवार की घेराबंदी करने से वह बोलने के लिए मजबूर हुई हैं.

उन्होंने ट्वीट किया कि मैंने हाथरस की घटना के बारे में देखा. पहले तो मुझे लगा कि मैं ना बोलूं क्योंकि आप इस संबंध में ठीक ही कार्रवाई कर रहे होंगे. किन्तु जिस प्रकार से पुलिस ने गांव की एवं पीड़ित परिवार की घेराबंदी की है, उसके कितने भी तर्क हों, लेकिन इससे विभिन्न आशंकायें जन्मती हैं.

भारती ने ट्वीट में लिखा कि मेरी जानकारी में ऐसा कोई नियम नहीं है कि एसआईटी जांच में परिवार को किसी से मिलने की अनुमति नहीं होती. इससे तो एसआईटी की जांच ही संदेह के दायरे में आ जाएगी. हाथरस के एक गांव में 14 सितंबर को चार लोगों ने 19 वर्षीय दलित लड़की का कथित तौर पर बलात्कार किया था. मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई.

Source : Bhasha

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