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एकनाथ शिंदे के साथ आए 46 विधायक, उद्धव ठाकरे सरकार का आखिरी दिन आज?

महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उठापटक का आज आखिरी दिन हो सकता है. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ कुल 46 विधायक खुलकर सामने आ चुके हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपना आधिकारिक घर 'वर्षा' खाली कर पैतृक आवास 'मातोश्री' पहुंच चुके हैं.

Updated on: 23 Jun 2022, 07:39 AM

highlights

  • एकनाथ शिंदे के साथ कुल 46 विधायक
  • उद्धव ठाकरे ने खाली किया आधिकारिक आवास
  • शिंदे खेमे ने किया असली शिवसेना होने का दावा

मुंबई:

महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उठापटक का आज आखिरी दिन हो सकता है. शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के साथ कुल 46 विधायक खुलकर सामने आ चुके हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अपना आधिकारिक घर 'वर्षा' खाली कर पैतृक आवास 'मातोश्री' पहुंच चुके हैं. इस बीच, आज कुर्ला के विधायक मंगेश कुदालकर और दादर के विधायक सदा सरवानकर भी शिंदे कैंप में पहुंच गए हैं. बताया जाता है कि मुंबई में भी शिंदे के समर्थक तीन शिवसेना विधायक मौजूद हैं. अगर दावे के मुताबिक ये विधायक शिंदे खेमे को ज्वाइन कर लेते हैं तो शिंदे के साथ शिवसेना के विधायकों की संख्या 36 तक पहुंच जाएगी जबकि अन्य 12 विधायक भी शिंदे के साथ बताए जाते हैं.

शिदे गुट की चिट्ठी राज्यपाल के पास पहुंची

इस बीच, शिंदे गुट ने 34 विधायकों के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी को भेजा है. चिट्ठी में कहा गया है कि एकनाथ शिंदे ही शिवसेना विधायक दल के नेता हैं. भरत गोगावले को नया चीफ व्हिप चुन लिया गया है. शिव सेना ने शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया था. इसके बाद बुधवार शाम सीएम उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि अगर एकनाथ शिंदे और बागी विधायक सामने आकर कहेंगे तो मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा. उन्होंने यहां तक कह दिया है कि सीएम पद छोड़िये, मैं तो शिवसेना प्रमुख का पद भी छोड़ने को तैयार हूं. 

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शिंदे का खेमा असली शिवसेना?

इस बीच, एकनाथ शिंदे खेमे ने दावा किया है कि उनके साथ जो लोग हैं, वही असली शिवसेना हैं. एकनाथ शिंदे ही पार्टी के विधायक दल के नेता हैं. ऐसे में गुरुवार को कुछ और विधायक जुड़ने के बाद एकनाथ शिंदे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिख सकते हैं. उसमें ये कहा जाएगा कि मैं पार्टी का ग्रुप लीडर हूं और हमने जो सरकार को समर्थन दिया है वो अब वापस ले रहे हैं. उसके बाद अगर उद्धव ठाकरे इस्तीफा नहीं देते हैं तो फिर राज्यपाल उनको फ्लोर टेस्ट  कराने का आदेश दे सकते हैं.