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क्या है मुल्ला बरादर की मौत वाले ऑडियो संदेश की सच्चाई..क्या बोला तालिबान?

सोशल मीडिया पर ऑडियो संदेश के माध्यम से मुल्ला बरादर को मारे जाने की खबर फैल रही है. बरादर की मौत की खबर ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भूचाल ला दिया है. हालाकि संदेश पर तालिबान प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने ट्वीट किया है.

Updated on: 13 Sep 2021, 07:15 PM

highlights

  • सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा ऑडियो संदेश
  • मुल्ला बरादर ने मौत की खबरों को बताया बेबुनियाद 
  • तालिबानी ऑडियो संदेश की अभी नहीं हो सकी है पुष्टि

New delhi:

सोशल मीडिया पर ऑडियो संदेश के माध्यम से मुल्ला बरादर को मारे जाने की खबर फैल रही है. बरादर की मौत की खबर ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भूचाल ला दिया है. हालाकि संदेश पर तालिबान प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने ट्वीट किया है. दरअसल कुछ दिनों पहले खबर आई थी कि तालिबान के भीतर जबरदस्त गुटबाजी हो रही है. गुटबाजी की हिंसा में बरादर घायल हो गए. हालांकि तालिबान द्वारा पोस्ट किए गए ऑडियो संदेश की अभी तक पुष्टि नहीं हो सकी है. साथ ही सोशल मीडिया पर फैली अपनी मौत की खबरों को तालिबान नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) ने बकवास बताया है. बरादर का कहना है कि ये उनके विरोधियों की साजिश है. मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं.

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दरअसल, बीते सप्ताह तालिबान ने नई सरकार की घोषणा की थी जिसमें बरादर को नंबर दो की पोजीशन दी गई थी. कुछ दिनों पहले तक अब्दुल गनी बरादर का नाम सरकार के शीर्ष लीडर के तौर पर देखा जा रहा था. लेकिन अब नई सरकार में वो नंबर दो की हैसियत में हैं. इसको लेकर वहां गुटबाजी होने लगी है. इसी को लेकर कुछ लोग झूठी खबरों को सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं. हालाकि तालिबान के कतर दफ्तर के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने ट्वीट किया है- अफगानिस्तान इस्लामिक अमीरात के डिप्टी प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) के मारे जाने का संदेश झूठा और निराधार है.

डिमोशन से परेशान है मुल्ला बरादर?
बरादर के डिमोशन को लेकर कहा जा रहा है कि इसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का बड़ा रोल हो सकता है. दरअसल पंजशीर को हैंडल करने को लेकर हक्कानी और बरादर गुट में विवाद हो गया था. माना जा रहा है कि पाकिस्तान के प्यारे हक्कानी से विवाद भी बरादर के डिमोशन की वजह हो सकती है. ISI चीफ फैज हामिद की काबुल यात्रा में भी नई सरकार की घोषणा का राज छिपा हो सकता है. यही वजह है कि बरादर की जगह मुल्ला अखुंद को सरकार के मुखिया के तौर पर सबसे उपयुक्त माना गया. हालाकि ऑडियो संदेश जारी करने के पीछे तालिबानी सरकार या वहां के दूसरे गुट की मंशा क्या है. इसका पता तो उन्हे ही होगा. पर ऑडियो संदेश सोशल मीडिया पर जमकर सुर्खियां बटोर रहा है. साथ ही यूजर्स के कमेंट्स भी आ रहे हैं..