/newsnation/media/post_attachments/images/2021/08/29/bipinrawat-69.jpg)
Bipin Rawat( Photo Credit : News Nation )
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद कई देशों की चिंता बढ़ गई है. तालिबान को पाकिस्तान और चीन का समर्थन मिलता रहा है. इसके बदौलत तालिबान अपने ताकत को दिन प्रतिदिन बढ़ाता रहा है. अफगानिस्तान में तालिबान ने तख्तापलट कर भारत और अमेरिका की चिंता बढा दी है. अमेरिका पूरे घटना क्रम को सिलसिलेवार तरीके से अध्यन करने में जुटी है. वहीं भारत अफगानिस्तान की बदली परिस्थितियों पर नजर बनाए हुए है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय सैन्य अधिकारियों की चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के नेतृत्व में एक बैठक होने जा रही है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इस बैठक में सुरक्षा उपायों पर चर्चा की जाने की उम्मीद है. गौरतलब है कि पाकिस्तानी आतंकवादी समूहों के साथ वैश्विक आतंकवादी समूह तालिबान की नजदीकियां रही है. इसके मद्देनजर सीमा सुरक्षा को लेकर भारत के तीनों सेना के प्रमुख आयोजित होने वाली इस बैठक में मंथन करेंगे.
यह भी पढ़ें: तालिबानी कैसे करते हैं महिलाओं पर जुल्म, जानें इस अफगानी महिला की आपबीती
तालिबान और पाकिस्तान से भारत को खतरा
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत के लिए संकट मंडराने लगा है. पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान के साथ भारत का संबंध ठीक नही रहा है और पाकिस्तान अपने नापाक हरकत से भारत के खिलाफ जहर उगलता रहा है. पाकिस्तान में आंतकियों की जमात का बसेरा है. इससे दुनिया जगजाहिर है. तहरीक-ए-तालिबान, जैश-ए-मोहम्मद और हक्कानी नेटवर्क जैसे आंतकी संगठन का ठिकाना पाकिस्तान में है. पाकिस्तान इन आतंकी संगठनों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए करता रहा है. तालिबान को पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त है. सूत्रों के मुताबिक तालिबान का इस्तेमाल पाकिस्तान भारत के खिलाफ कर सकता है.
यह भी पढ़ें: जानिए कौन है तालिबान, बेहद भयावह रहा था अफगानिस्तान पर कट्टरपंथियों का शासन
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत के लिए संकट इसलिए मंडराने लगा है क्योंकि तालिबान ने सिर्फ अफगानिस्तान में तख्तापलट ही नहीं किया है बल्कि अब वो पहले के मुकाबले कई गुणा ताकतवर बन कर उभरा है. तालिबान के पास अमेरिकी सेना के अत्याधुनिक हथियार और हेलिकॉप्टर्स हैं. जो विनाश का कारण भी बन सकता है. भारत के लिए चिंता का कारण यह भी है कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी समूह को अमेरिकी सेना के अत्याधुनिक हथियार और खतरनाक ना बना दें.
HIGHLIGHTS
- अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद भारत के लिए बढ़ी चिंता
- सीमा सुरक्षा को लेकर सैन्य अधिकारियों के साथ होने जा रही है बैठक
- CDS बिपिन रावत के नेतृत्व में बैठक का आयोजन
Source : News Nation Bureau