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सावरकर पर सवाल उठाने वालों पर अमित शाह का करारा जवाब, जानें क्या कहा

सावरकर जी कहते थे कि ये तीर्थों में महातीर्थ है, जहां आजादी की ज्योति को प्रज्वलित करने के लिए अनेकों लोगों ने बलिदान दिए.

Updated on: 15 Oct 2021, 06:46 PM

highlights

  • युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम की जानकारी के लिए आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का निर्णय
  • सेल्युलर जेल सबसे बड़ा तीर्थ स्थान है. इसीलिए सावरकर जी कहते थे कि ये तीर्थों में महातीर्थ है
  • विजयादशमी के दिन को हम पूरे भारतवर्ष में बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रूप में मनाते हैं

नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अंडमान की यात्रा पर हैं. इस दौरान वह सेलुलर जेल भी गये और स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारियों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि आज दूसरी बार मुझे आजादी के तीर्थ स्थल पर आने का मौका मिला है. मैं जब-जब यहां आता हूं, एक नई ऊर्जा और प्रेरणा प्राप्त करके यहां से जाता हूं. देश भर के लोगों के लिए अंग्रेजों द्वारा बनाई गई ये सेल्युलर जेल सबसे बड़ा तीर्थ स्थान है. इसीलिए सावरकर जी कहते थे कि ये तीर्थों में महातीर्थ है, जहां आजादी की ज्योति को प्रज्वलित करने के लिए अनेकों लोगों ने बलिदान दिए.
 

उन्होंने कहा कि आज स्वतंत्रता आंदोलन की इस तपोस्थली और संकल्प स्थली पर जब मैं आया हूं, तब अनेक स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और उनके संकल्प को सम्मान के साथ मैं नमन करता हूं. आज विजयादशमी है. विजयादशमी के दिन को हम पूरे भारतवर्ष में बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक के रूप में मनाते हैं. आजादी का ये तीर्थ स्थल भी बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है, यहीं पर एक संकल्प लिया गया था कि भारत माता को कोई गुलाम नहीं रख सकता.

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अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि अब जिस रास्ते पर मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने आगे बढ़ने और चलने का निर्णय लिया है, वो पीछे मुड़ने का नहीं बल्कि आगे बढ़ते रहने का रास्ता है और सावरकर और सान्याल जैसे वीर स्वतंत्रता सेनानियों की संकल्पना का भारत बनाने का रास्ता है.
 

आजादी का अमृत महोत्सव की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी जी ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का निर्णय इसलिए लिया है कि विशेषकर युवा पीढ़ी को आजादी के संग्राम की जानकारी मिले. जिनका नाम गुमनाम हो गया, ऐसे अंजान स्वतंत्रता सेनानियों  की वीरता के और आजादी में उनके योगदान का परिचय हमारी युवा पीढ़ी को मिले.

एक ओर आजादी के अमृत महोत्सव के माध्यम से देश की युवा पीढ़ी में फिर से एक बार देश के लिए कुछ करने का जज्बा और देशभक्ति की भावना को जागृत करना है. वहीं दूसरी ओर इस देश को कैसा बनाना है, मोदी जी हमेशा कहते हैं भारत प्रथम, इसकी कल्पना क्या है, इसके लिए संकल्प लेने का भी यही वर्ष है.