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आज 2+2 वार्ता में भारत-अमेरिका करेंगे महत्वपूर्ण रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर, चीन बेचैन

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर तीसरी मंत्रिस्तरीय '2+2' वार्ता के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं. आज यह वार्ता होगी.

Updated on: 27 Oct 2020, 08:00 AM

नई दिल्ली:

भारत और अमेरिका के बीच आज बेहद अहम 2+2 वार्ता होने वाली है. इसमें दोनों ही देश महत्वपूर्ण रक्षा समझौते 'बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट' (बीईसीए) पर हस्ताक्षर करेंगे, जो दोनों देशों की सेनाओं के बीच अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, साजो-सामान और भू-स्थानिक नक्शे साझा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर तीसरी मंत्रिस्तरीय '2+2' वार्ता के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं. आज यह वार्ता होगी और इसमें भारतीय पक्ष का नेतृत्व जयशंकर और सिंह करेंगे. इसके अलावा आज की इस बैठक में भारत-चीन के बीच जारी गतिरोध पर प्रमुखता से चर्चा हो सकती है.

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बीईसीए (BECA) समझौता क्या है

आज भारत और अमेरिका के बीच 'बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट' (बीईसीए) होगा. आज की 2+2 वार्ता में इस महत्वपूर्ण रक्षा समझौते पर मुहर लगेगी, जिसका सबसे ज्यादा फायदा भारत को होने वाला है. दरअसल, बीईसीए समझौता (BECA) अमेरिक और भारत के रक्षा विभागों के राष्ट्रीय भू-स्थानिक-खुफिया एजेंसी के बीच भू-स्थानिक सहयोग के लिए है. इससे भारत और अमेरिका एडवांस सैटेलाइट और स्थलाकृतिक डेटा जैसे नक्शे, समुद्री और वैमानिकी चार्ट और रक्षा एवं रणनीतिक क्षेत्रों से जुड़े बेहद संवेदनशील डाटा को एक दूसरे से साझा कर सकेंगे.

बीईसीए समझौते के तहत दोनों देश भू-स्थानिक सूचनाएं और खुफिया जानकारियां एक-दूसरे के साथ साझा कर पाएंगे, जिसका रक्षा संबंधी जरूरतों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा. बीईसीए भारत का एक महत्वपूर्ण अग्रदूत है, जो अमेरिका से एमक्यू-9बी जैसे मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) को पाने में मदद करेगा. इस समझौते से भारत की पहुंच अमेरिका के विशाल सैटेलाइट नेटवर्क तक हो पाएगी, जिससे वह और अधिक सटीकता के साथ दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना पाएगा. 

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सोमवार को राजनाथ और अमेरिकी रक्षा मंत्री की हुई वार्ता

इससे पहले सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने अमेरिकी समकक्ष मार्क टी एस्पर के साथ व्यापक मुद्दों पर चर्चा की. बातचीत के दौरान राजनाथ और एस्पर ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को और विस्तारित करने तथा दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंधों को मजबूत करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की एवं भारत के पड़ोस सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों से संबंधित मुद्दों की समीक्षा की. इसके अलावा क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा करते हुए दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी भारत के विवाद पर भी संक्षिप्त चर्चा की.

अमेरिका ने मालाबार युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया के आने का स्वागत किया

रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि राजनाथ और एस्पर ने सेना से सेना के बीच सहयोग, सुरक्षित संचार प्रणाली और सूचना साझा करने तथा रक्षा व्यापार सहित समूचे द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की समीक्षा की. दोनों मंत्रियों ने महामारी के दौरान भी मौजूदा रक्षा वार्ता तंत्र को सभी स्तरों, खासकर सैन्य सहयोग समूह के स्तर पर जारी रखने का आह्वान किया. इस दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री ने आगामी मालाबार नौसैन्य अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया की भागीदारी का स्वागत किया. राजनाथ ने रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में हालिया सुधारों को भी रेखांकित किया और अमेरिकी कंपनियों को देश की उदार नीतियों तथा रक्षा उद्योग के बेहतर माहौल का इष्टतम इस्तेमाल करने के लिए आमंत्रित किया.

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2+2 वार्ता से चीन के अंदर बढ़ी बेचैनी

उधर, आज होने वाली भारत-अमेरिकी की 2+2 वार्ता में होने वाले अहम समझौते से चीन के अंदर बेचैनी बढ़ गई है. क्योकि बीईसीए (BECA) समझौता लद्दाख में चीन के भारी सैन्य निर्माण के मद्देनजर एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है. इस पर चीन की ओर से प्रतिक्रिया दी गई है. चीन सरकार के मुख पत्र ग्लोबल टाइम्स में कहा गया है कि अमेरिका के जापान के साथ जैसे रिश्ते हैं, वैसे ही उसके भारत के साथ स्थापित नहीं हो सकते. जो देश यह मानता है कि वह 'शक्तिशाली' बनकर रहेगा, उसका किसी वैश्विक प्रतिस्पर्धी के साथ रिश्ते बनना मुश्किल है. ग्लोबल टाइम्स में फुदान यूनिवर्सिटी में साउथ एशियन स्टडीज के निदेशक और अमेरिकन स्टडीज सेंटर के प्रोफेसर झांग जियाडॉन्ग ने एक लेख में यह बातें कही हैं.