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बाबरी विध्वंस पर सीबीआई कोर्ट के फैसले की ये हैं 5 बड़ी बातें

बाबरी मस्जिद केस (Babri Masjid Demolition Case) में 28 साल बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है.

Updated on: 30 Sep 2020, 02:00 PM

नई दिल्ली:

28 साल पुराने बाबरी मस्जिद केस (Babri Masjid Demolition Case) में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने इस मामले में सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट ने माना कि 6 दिसंबर 1992 को हुई घटना पूर्व नियोजित नहीं थी. भीड़ ने आवेश में आकर यह काम किया. सीबीआई इस मामले में कोई भी पुख्ता सबूत अदालत में पेश नहीं कर पाई.

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1. बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को मिली राहत
इस मामले में बीजेपी से वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और कल्याण सिंह जैसे नेता आरोपी थे. कोर्ट के फैसले पर इनके साथ पार्टी का भी भविष्य टिका था. अगर कोर्ट इन्हें दोषी करार देता तो बीजेपी के लिए यह बड़ा झटका होता. बीजेपी अब तक लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा को अपने लिए बड़ा टर्निंग प्वाइंट मानती आई है.

2. कोर्ट के फैसले पर टिकी थी तीन सांसदों की सदस्यता
इस मामले में लल्लू सिंह, साक्षी महाराज और बृजभूषण शरण सिंह की सांसद सदस्यता भी टिकी थी. इन सभी पर जो धाराएं लगी थीं उसमें दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की सजा हो सकती थी. ऐसे में कोर्ट से दोषी ठहराए जाने पर इनकी सांसद सदस्यता खत्म हो जाती है. यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका साबित होता.

3. श्रीकृष्ण जन्मभूमि और काशीविश्वनाथ आंदोलन को मिलेगा बल
बाबरी विध्वंस मामले में कोर्ट से फैसले से श्रीकृष्ण जन्मभूमि और काशीविश्वनाथ आंदोलन को बल मिलेगा. इन दोनों मुद्दों को विश्व हिंदू परिषद काफी समय से उठाती रही है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला कोर्ट तक जा पहुंचा है. इस मामले में कोर्ट तय करेगा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मामला सुना जाए या नहीं.

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4. अयोध्या मामला हमेशा के लिए खत्म
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम मंदिर को लेकर ऐतिहासिक फैसला दिया था. कोर्ट का फैसले राम मंदिर के पक्ष में आया था. इसके बाद मामले से जुड़ी अन्य याचिकाओं पर कोर्ट का फैसला आ गया. फिलहाल मस्जिद विध्वंस का मामला ही कोर्ट में लंबित था. इस मामले में फैसला आने के बाद अयोध्या, राममंदिर और बाबरी मस्जिद से जुड़े सभी केस का अंत हो गया है.

5. विपक्ष पर आक्रामक होगी बीजेपी
इस फैसले ने बीजेपी के विपक्ष पर आक्रमक हो सकती है. इससे पहले गुजरात दंगों को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगे थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट से वह बरी हो गए. अब बाबरी विध्वंस मामले में बीजेपी से वरिष्ठ नेताओं के बरी होने से बीजेपी विपक्ष पर झूठे आरोप लगाने को लेकर पलटवार कर सकती है.