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'लखनऊ में मां-बेटी के आग लगाने के पीछे था बड़ा षड्यंत्र, कांग्रेस प्रवक्ता और AIMIM जिला अध्यक्ष ने रची थी साजिश'

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विधानसभा के सामने मां-बेटी द्वारा आत्मदाह की कोशिश करने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. जिन मां-बेटी ने लखनऊ में आत्मदाह की कोशिश की, उनको ऐसा करने के लिए उकसाया गया था.

Updated on: 18 Jul 2020, 12:24 PM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ में विधानसभा के सामने मां-बेटी द्वारा आत्मदाह की कोशिश करने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. जिन मां-बेटी ने लखनऊ में आत्मदाह की कोशिश की, उनको ऐसा करने के लिए उकसाया गया था. इसी पूरे घटनाक्रम के पीछे एक षड्यंत्र रचा गया था. जिसका सीधा ताल्लुक राजनीतिक दल के नेताओं से जुड़ा है. लखनऊ (Lucknow) के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने कहा कि 4 लोगों ने षड्यंत्र किया है. इन महिलाओं का अमेठी के जामो थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी, गांव में नाली और मिट्टी विवाद की.

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कमिश्नर सुजीत पांडेय के अनुसार, कांग्रेस के प्रवक्ता अनूप पटेल, AIMIM के जिला अध्यक्ष कबीर खान के अलावा आसमां और सुल्तान इन चार लोगों ने पूरा षड्यंत्र रचा. आसमां और सुल्तान ने इन्हें अमेठी से लखनऊ आकर आत्मदाह के लिए प्रेरित किया. ये सभी लोग कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में जाकर कांग्रेस नेता अनूप पटेल से मिले. अनूप पटेल ने इन्हें आत्मदाह के लिए प्रेरित किया और कहा कि इससे ये मामला हाईलाइट हो जाएगा.

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कमिश्नर ने बताया कि सभी के खिलाफ गम्भीर धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है. आसमां और AIMIM के जिला अध्यक्ष कबीर खान को गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि इन सभी के खिलाफ सरकार को बदनाम करने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है. सुजीत पांडे ने बताया कि आत्मदाह को रोकने में नाकाम रहने के लिए चौकी इंचार्ज विधानसभा समेत 4 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है.

दरअसल, अमेठी की रहने वाली मां-बेटी ने शुक्रवार को लखनऊ में लोकभवन के सामने आत्मदाह का प्रयास किया. कल शाम करीब 5 बजे मां-बेटी ने खुद पर कैरोसिन छिड़का और आग लगा ली. मौके पर मौजूद पुलिस वाले तुरंत उनकी ओर भागे और उन्हें बचाया. दोनों को सिविल अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया है. उनकी हालत गंभीर बताई जाती है. बताया जा रहा है कि भूमि विवाद के मामले में पुलिस की ओर से कथित तौर पर कार्रवाई नहीं किए जाने से वह परेशान थीं. ये घटना अत्यंत कड़ी सुरक्षा वाली जगह पर हुई, जहां विधान भवन और लोकभवन हैं. लोक भवन में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यालय है.