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दुनिया अब पहले से कहीं ज्यादा योग की जरूरत महसूस कर रही है, कोविड-19 रोगियों को भी लाभ : मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि योग एकता की एक शक्ति के रूप में उभरा है और यह नस्ल, रंग, लिंग, आस्था और राष्ट्रों के आधार पर भेदभाव नहीं करता है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि योग एकता की एक शक्ति के रूप में उभरा है और यह नस्ल, रंग, लिंग, आस्था और राष्ट्रों के आधार पर भेदभाव नहीं करता है.

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Ravindra Singh
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पीएम मोदी( Photo Credit : फाइल)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि दुनिया को कोरोना वायरस महामारी के कारण योग की आवश्यकता पहले के मुकाबले कहीं अधिक महसूस हो रही है और यह प्राचीन भारतीय परंपरा दुनियाभर में काफी संख्या में कोविड-19 रोगियों को इस बीमारी को हराने में मदद कर रही है. मोदी ने छठे अंतररष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर अपने संदेश में कहा कि कोविड-19 विशेष रूप से हमारे श्वसन तंत्र पर हमला करता है और श्वसन तंत्र प्राणायाम या सांस लेने संबंधी व्यायाम से मजबूत होता है.

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एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि छठा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस देश भर में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के जरिये अपार उत्साह के साथ मनाया गया. प्रधानमंत्री ने कहा कि योग एकता की एक शक्ति के रूप में उभरा है और यह नस्ल, रंग, लिंग, आस्था और राष्ट्रों के आधार पर भेदभाव नहीं करता है. उन्होंने कहा, योग एक स्वस्थ ग्रह की हमारी चाह बढ़ाता है. यह एकता के लिए एक शक्ति के रूप में उभरा है और मानवता को और मजबूत करता है. यह भेदभाव नहीं करता. यह नस्ल, रंग, लिंग, आस्था और राष्ट्रों के परे है. योग को कोई भी अपना सकता है. 

रविवार को बोले पीएम मोदी
रविवार सुबह करीब 15 मिनट के अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण दुनिया अब पहले से कहीं ज्यादा योग की आवश्यकता को महसूस कर रही है. उन्होंने कहा, अगर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है, तो इससे इस बीमारी (कोविड-19) को हराने में काफी मदद मिलती है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग में कई आसन हैं. ये आसन शरीर की शक्ति को बढ़ाते हैं और चयापचय (मेटाबोलिज्म) को भी मजबूत करते हैं. ‘प्राणायाम’ के लाभ रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि यह बहुत ही प्रभावशाली होता है और ये कई प्रकार के हैं, जिनमें शीतली, कपालभाती और भस्त्रिका आदि शामिल हैं.

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योग हमें शारीरिक और मानसिक शक्ति देता हैः पीएम मोदी
लोगों से प्राणायाम को अपने जीवन में शामिल करने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ये सभी प्रकार के योग हमारे श्वसन तंत्र और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बहुत मजबूत करते हैं. उन्होंने कहा, पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में कोविड-19 के रोगी योग का लाभ उठा रहे हैं. योग की शक्ति उन्हें इस बीमारी को हराने में मदद कर रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी योग को अपना सकता है और इसके लिए बस थोड़ा समय और थोड़ी जगह चाहिए होती है. प्रधानमंत्री ने कहा, योग हमें न केवल शारीरिक शक्ति दे रहा है, बल्कि मानसिक संतुलन और भावनात्मक स्थिरता भी प्रदान कर रहा है ताकि हमारे सामने मौजूद चुनौतियों से आत्मविश्वास के साथ पार पा सकें. उन्होंने कहा, अगर हम सेहत और उम्मीद के बीच तालमेल बैठा लें तो वह दिन दूर नहीं जब विश्व स्वस्थ और खुशहाल मानवता की सफलता का गवाह बनेगा. योग निश्चित तौर पर इसे साकार करने में हमारी मदद कर सकता है.

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इस बार डिजिटल मीडिया के माध्यम से मनाया जा रहा योग दिवस
कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बिना जन समूहों के डिजिटल मीडिया माध्यमों के जरिए ही मनाया जा रहा है. इस बार योग दिवस की थीम ‘घर पर योग और परिवार के साथ योग’ है. संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसंबर 2014 को घोषणा की थी कि हर साल 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी ने इस बाबत प्रस्ताव रखा था. आयुष मंत्रालय ने इस बार लेह में एक बड़े आयोजन की योजना बनाई थी लेकिन महामारी के कारण उसे निरस्त कर दिया गया. मोदी ने अपने संदेश में कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस एकता का दिन है और सार्वभौम भाइचारे का संदेश देता है. उन्होंने कहा, यह एकता और मानवता का दिन है. योग हमें साथ लाता है, जोड़ता है. योग दूरियों को पाटता है. कोरोना वायरस महामारी के इस समय में दुनियाभर में ‘माई लाइफ-माई योग’ में लोगों की भागीदारी दर्शाती है कि योग में लोगों की रुचि बढ़ रही है.

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अपना काम तथा अपने कर्तव्यों को पूरा करना योग हैः पीएम मोदी
उन्होंने कहा कि काम करना और अपने कर्तव्यों का उचित तरीके से निर्वहन करना भी योग है. मोदी ने कहा, सही भोजन करना, सही खेल खेलना, सोने और चलने-फिरने की सही आदतें और अपना काम तथा कर्तव्यों को पूरा करना योग है.’ उन्होंने कहा, इस कर्मयोग के साथ हम अपनी सभी समस्याओं का समाधान पाते हैं. ‘कर्मयोग’ भारत की भावना में निहित है. जब भी जरूरत पड़ी है, पूरी दुनिया ने भारत की निस्वार्थ भावना देखी है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब लोग योग के अनुसार तथा ‘कर्मयोग’ की भावना से काम करते हैं तो व्यक्तिगत रूप से, समाज के तौर पर और देश के तौर पर शक्ति कई गुना बढ़ती है.

दुनिया योग दिवस को भारतीय संस्कृति एवं परंपरा के रूप में अपना रही है
उन्होंने कहा, आज हमें इस भावना के साथ संकल्प लेना है कि हम अपनी सेहत के लिए, अपने प्रियजनों के स्वास्थ्य के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे. सतर्क नागरिक के रूप में हम एक परिवार और समाज की तरह मिलकर आगे बढ़ेंगे. मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री के संदेश के बाद समान योग प्रोटोकॉल (सीवाईपी) का लाइव प्रसारण किया गया. यह अभ्यास विभिन्न आयु और वर्गों के लोगों को ध्यान में रखते हुए प्रसारित किया गया. आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा, अब दुनिया का हर देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है और लोग इसे भारत की संस्कृति एवं परंपरा के रूप में अपना रहे हैं. 

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