रमजान महीने के आखिरी जुम्मे, ईद पर नहीं होगी सामूहिक नमाज : जमात
जमात ने कहा है कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर के चलते देशभर में कहीं आंशिक तो पूरा लॉकडाउन लगे होने के बीच रमजान के आखिरी जुम्मे और ईद के मौके पर सामूहिक रूप से नमाज अता नहीं फरमाई जाएगी.
highlights
- ईद पर कोरोना संक्रमण का मंडराया खतरा
- आखिरी जुमे पर नमाज नहीं पढ़े जाने का निर्णय
- जमात ने कोरोना के खतरे को देखते हुए लिया फैसला
नयी दिल्ली:
जमात-ए-इस्लामी हिंद की शरिया काउंसिल ने रमजान के पवित्र महीने के अंतिम दिनों से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए हैं. जमात ने कहा है कि कोरोनावायरस की दूसरी लहर के चलते देशभर में कहीं आंशिक तो पूरा लॉकडाउन लगे होने के बीच रमजान के आखिरी जुम्मे और ईद के मौके पर सामूहिक रूप से नमाज अता नहीं फरमाई जाएगी. शरिया काउंसिल के सेक्रेट्री मौलाना रजि़युल इस्लाम नदवी ने कहा, "रमजान (जुमातुल विदा) का आखिरी जुम्मा (शुक्रवार) किसी भी आम जुम्मे की तरह होगा. मौजूदा हालात में, मस्जिदों में होने वाली नमाज के बारे में सरकारी नियमों का पालन किया जाना चाहिए."
उन्होंने कहा, जहां कहीं भी स्थानीय अधिकारियों द्वारा अनुमति मिले, वहां नमाज पढ़ें, इबादत करें, मगर मास्क का इस्तेमाल जरूर करें और आपस में दूरी बनाए रखें. जहां कोई अनुमति नहीं मिले तो अगर घर में चार लोग हैं, तो वे शुक्रवार या जोहर (दोपहर) की नमाज घर में ही पेश कर सकते हैं." मुसलमानों को यह भी सलाह दी गई है कि वे रमजान के आखिरी दिनों में खरीदारी के लिए बाजारों में भीड़ से बचें. काउंसिल ने कहा, "ईद के दिन, नए या पुराने साफ कपड़े पहनें, जो कुछ भी उपलब्ध है, उससे सजाना चाहिए और अल्लाह का शुक्रिया अदा करना चाहिए.
आपको बता दें कि मौजूदा समय में भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है. इस बीच देश में तीसरी लहर को लेकर भी चेतावनी जारी की गई है. केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन का कहना है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राघवन ने कहा, वायरस का अधिक मात्रा में सकुर्लेशन हो रहा है और तीसरी लहर भी आएगी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह कब आएगी और किस स्तर की होगी. हमें नई (तीसरी) लहर के लिए तैयारी करनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि नए स्ट्रेन से निपटने के लिए अपग्रेडेशन के लिए कोविड-19 वैक्सीन की नियमित निगरानी की आवश्यकता है.
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में पहले की तुलना में कोरोना संक्रमण के मामलों की रफ्तार 2.4 प्रतिशत तेजी से बढ़ी है. संयुक्त सचिव (स्वास्थ्य) लव अग्रवाल ने कहा, 12 राज्यों में एक लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं, सात राज्यों में 50,000 से एक लाख सक्रिय मामले हैं और 17 राज्यों में 50,000 से कम सक्रिय मामले हैं. महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में 1.5 लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं.
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