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भारतीय सेना की छवि बिगाड़ने के लिए इस उद्देश्य पर काम करते हैं आतंकी, जानें क्या बोले लेफ्टिनेंट जनरल

भारतीय सेना (Indian Army) के लेफ्टिनेंट जनरल बी.एस. राजू ने रविवार को कहा कि साल 2018 की तुलना में साल 2020 में आतंकवादियों (Terrorists) की भर्ती काफी हद तक नियंत्रण में रही.

Updated on: 17 Jan 2021, 02:17 PM

नई दिल्ली:

भारतीय सेना (Indian Army) के लेफ्टिनेंट जनरल बी.एस. राजू (General Officer Commander, Chinar Corps) ने रविवार को कहा कि साल 2018 की तुलना में साल 2020 में आतंकवादियों (Terrorists) की भर्ती काफी हद तक नियंत्रण में रही. घाटी में आतंकवादियों की मौजूदा संख्या 217 है, जो पिछले दशक में सबसे कम है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा ड्रोन और सुरंगों के माध्यम से हथियार और ड्रग्स भेजने की कोशिश निश्चित रूप से एक चुनौती है. इससे निपटने के लिए सेना सुरंगों का पता लगाने के लिए कुछ अग्रिम तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें जमीन-मर्मज्ञ रडार भी शामिल हैं.

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घाटी में होने वाले एनकाउंटर के बारे में बात करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि प्रत्येक 20-25 विशिष्ट खोजों पर आतंकवादियों के साथ संपर्क स्थापित किया जाता है. उन्होंने कहा, ''खोजों के दौरान, हम यह सुनिश्चित करते हैं कि स्थानीय लोगों को कम से कम असुविधा हो. हमारे सैनिकों को स्थानीय संस्कृति और धार्मिक संवेदनशीलता का सम्मान करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.''

चिनार कॉर्प्स के जनरल ऑफिसर कमांडर ने आगे कहा, ''जब हमें मालूम चलता है कि आतंकवादी कहीं फंस गए हैं, तो हम उन्हें विशेष रूप से स्थानीय होने पर आत्मसमर्पण करने के लिए कहते हैं. यदि उनकी पहचान स्थापित होती है तो हम उनके परिवार के सदस्यों को भी बुलाते हैं. जब हमारे सभी प्रयास विफल हो जाते हैं तो हम आगे बढ़ते हैं और उन्हें मार गिराते हैं.''

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घाटी में पाकिस्तानी आतंकवादी भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा बलों और नागरिकों को निशाना बनाते हैं. उनकी कोशिश होती है कि सेना उनकी हरकतों का जवाब दे और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों की मौत हों. जिसके बाद वे सेना की छवि को धूमिल करने के लिए झूठी कहानियां गढ़ते हैं और नई भर्तियों को आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं.

इस साल हम पिछले साल की तुलना में घुसपैठ को 70% से कम करने में सक्षम हैं. एलएसी के क्षेत्रों में जिम्मेदार अधिकारियों ने स्थिति के बारे में पर्याप्त खुलासे किए हैं. एलओसी पर हम पूर्ण नियंत्रण में रहते हैं और सभी आकस्मिकताओं के लिए तैयार रहते हैं.

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उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लगातार कश्मीर में युवाओं को आतंकवाद का रास्ता चुनने के लिए उकसा रहा है. लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा, ''पिछले 6 महीनों में, आतंकवादियों के साथ शामिल होने वाले 17 लोग वापस आ चुके हैं. वर्तमान में, हम एक उपयुक्त आत्मसमर्पण नीति के लिए सरकार के साथ काम कर रहे हैं जो निश्चित रूप से काम करेगी.''