कर्नाटक में अजान बनाम हनुमान चालीसा जोरों पर चल रहा है। ऐसे में राज्य सरकार के ऊपर कार्रवाई को लेकर दवाब बना हुआ है। लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस संवेदनशील मामले में संयम से काम लेगी और जांच के आधार पर ही फैसला करेगी।
सत्तारूढ़ भाजपा के सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने ऐसे हिंदू संगठनों और कार्यकर्ताओं का समर्थन करने से इनकार कर दिया है, जिन्होंने अजान के खिलाफ मंदिरों में हिंदू प्रार्थनाओं को तेज आवाज में बजाने का अभियान चलाया हुआ है।
लाउडस्पीकर के मुद्दे पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा कि इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट आदेश जारी कर चुकी है, जो सभी पर लागू होता है।
उन्होंने कहा, हम कर्नाटक में सौहार्दपूर्ण तरीके से आदेशों को लागू करेंगे। हमने देखा है कि अन्य राज्यों में क्या हो रहा है। हाईकोर्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने के आदेश दिए हैं।
उन्होंने कहा, मैं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा कर रहा हूं और आवश्यक निर्देश भी दे रहा हूं।
इस बीच, कांग्रेस पार्टी के विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बोम्मई से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा। साथ ही अनुरोध किया कि लाउडस्पीकर विवाद में मुसलमानों को निशाना नहीं बनाया जाए।
वरिष्ठ नेता यू.टी. खादर, एनए हारिस और नजीर अहमद ने बोम्मई से सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए सख्त कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया।
पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक यू.टी. खादर ने कहा कि राज्य में 99 फीसदी लोग शांतिपूर्ण हैं। लेकिन कुछ ताकतें हिंसा फैला सकती हैं। सरकार को शांतिपूर्ण समाज की स्थापना करनी चाहिए।
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने बोम्मई से मुलाकात की और उन्हें लाउडस्पीकर के मुद्दे पर राजधानी की स्थिति के बारे में जानकारी दी।
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Source : IANS