NN Exclusive: बिहार चुनाव पर बोले तेजस्वी, मैं ही हूं अगला सीएम उम्मीदवार
हाल ही में आरजेडी में राजनीतिक विरासत को लेकर लालू यादव के परिवार में फूट की ख़बर ने मीडिया में ख़ूब सुर्खियां बटोरी थी।
नई दिल्ली:
पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) नेता तेजस्वी यादव ने न्यूज़ नेशन से बातचीत में कहा कि बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में वो अपनी पार्टी का सीएम चेहरा होंगे। यह पहली बार है जब तेजस्वी यादव ने ख़ुद को बतौर सीएम उम्मीदवार पेश किया है।
हाल ही में आरजेडी में राजनीतिक विरासत को लेकर लालू यादव के परिवार में फूट की ख़बर ने मीडिया में ख़ूब सुर्खियां बटोरी थी। हालांकि तेजस्वी यादव ने बाद में साफ़ कर दिया कि ऐसी कोई बात नहीं है।
Live Updates
# हम डरने वालों में नहीं हैं। ऐसे कई आए और गए। सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स चाहे तो मेरे घर में दफ्तर खोलने के लिए जगह देने को तैयार हूं: तेजस्वी
# सीबीआई और इनकम टैक्स तो बीजेपी के लिए काम कर रही है: तेजस्वी
# नीतीश कुमार की अंतरात्मा सिर्फ तेजस्वी और आरजेडी को लेकर ही जगती है। बीते चार सालों में क्या हुआ उनपर कुछ नहीं बोलते: तेजस्वी
# गठबंधन तोड़कर चाचा नीतीश ने हमारा नहीं जनादेश का अपमान किया। जिनको वोट नहीं मिला उन्हें चोर दरवाजे से सत्ता में लाया गया: तेजस्वी
# कश्मीर को बीजेपी ने बर्बाद कर दिया है: तेजस्वी
# मुझे चिंता मुख्यमंत्री बनने या कुर्सी पर बैठने की नहीं है। मेरी चिंता बिहार के विकास को लेकर है: तेजस्वी
# बिहार सरकार कर्ज के सहारे चल रही है। वर्ल्ड बैंक के जरिए कर्ज लेकर सरकार काम कर रही है और केंद्र सरकार पैसा नहीं दे रही है: तेजस्वी
# मेरे पिता की जो विचारधारा है वही मेरी और पार्टी की वचारधारा है। उन्हें कितनी बार जेल जाना पड़ा लेकिन उन्होंने समझौता नहीं किया। हम जेल जाने से नहीं डरते: तेजस्वी
तेजस्वी ने अपने बड़े भाई के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि जो कुछ भी कहा गया वो पार्टी की भलाई के लिए था। इतना ही नहीं दोनों भाइयों के बीच मतभेद को लेकर उन्होंने साफ़ कर दिया कि वो उनके बड़े भाई और मार्गदर्शक हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा, 'उनके (तेज प्रताप) बयान से स्पष्ट है कि वो पार्टी को मज़बूत करने की बात कर रहे हैं। उन्होंने जो कुछ भी कहा है वो 2019 आम चुनाव और 2020 बिहार विधानसभा चुनाव के मद्धेनजर पार्टी में एकता और मज़बूती लाने के दृष्टिकोण से कहा है।'
वहीं दोनों भाइयों की फूट वाली ख़बर पर स्पष्टीकरण देते हुए तेजस्वी ने कहा, 'उन्होंने स्पष्ट कहा है कलेजा का टुकड़ा है। वो मेरे भाई और मार्गदर्श्क हैं।'
और पढ़ें- लालू ने बर्थडे पर तेजप्रताप के करीबी को पद देकर सुलझाया विवाद, राबड़ी ने कहा ऑल इज वेल
दरअसल पूरी लड़ाई के केंद्र में राजेंद्र पासवान नाम का एक कार्यकर्ता थे, जो तेज़ प्रताप के बेहद क़रीबी हैं। तेज़ प्रताप राजेंद्र पासवान को संगठन में जगह दिलाना चाह रहे थे लेकिन पासवान चूंकि नए सदस्य हैं तो उन्हें पद दिया नहीं जा रहा था।
राजेंद्र पासवान बक्सर जिले से आते हैं और तेज़ प्रताप यादव के क़रीबी माने जाते हैं। तेज़ प्रताप राजेंद्र पासवान को प्रदेश महासचिव बनवाना चाहते थे।
तेज़ प्रताप ने इसके लिए प्रदेश नेतृत्व पर दबाव बनाया था लेकिन तेजस्वी नियमों के तहत चलना चाहते थे।
तेजस्वी को डर था की राज्य कमिटी का गठन होने के बाद राजेंद्र पासवान के मनोनयन से दुसरे नेताओं की नाराजगी बढ़ सकती है लेकिन बावजूद इसके तेजप्रताप के दबाव में राजेंद्र पासवान को पिछले 7 जून को प्रदेश महासचिव मनोनीत कर दिया गया।
मगर राजेंद्र पासवान को महासचिव बनाने में हुई इस देरी ने तेज़ प्रताप को परेशान कर दिया कि आखिर उनकी बात को तरजीह क्यों नहीं दी गयी?
ऐसे ही तमाम मुद्दों को लेकर न्यूज़ नेशन ने तेजस्वी यादव से बात की है।
और पढ़ें- तेज़ प्रताप को क्यों आया ग़ुस्सा, राजनीतिक विरासत के लड़ाई की शुरूआत तो नहीं?
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