logo-image

69000 शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ, कटऑफ पर SC ने योगी सरकार को जारी किया नोटिस

यूपी में शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने सरकार से 14 जुलाई तक जवाब मांगा है। सरकार को बताना है कि कि आखिर कट ऑफ क्यों बदला गया. इससे पहले 6 जुलाई तक यूपी सरकार को चार्ट के जरिये शिक्षामित्रों की रिक्तियों सम्बंधित डेटा को कोर्ट में पेश करने को कहा.

Updated on: 21 May 2020, 03:31 PM

नई दिल्ली:

यूपी में शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने सरकार से 14 जुलाई तक जवाब मांगा है. सरकार को बताना है कि कि आखिर कट ऑफ क्यों बदला गया. इससे पहले 6 जुलाई तक यूपी सरकार को चार्ट के जरिये शिक्षामित्रों की रिक्तियों सम्बंधित डेटा को कोर्ट में पेश करने को कहा. 

उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके अभ्यार्थियों को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गुरुवार को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों की याचिका खारिज कर 69000 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है.

यह भी पढ़ें- बॉलीवुड डायरेक्टर ने राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर किया Tweet, कहा- वह अहंकारी नहीं...

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस शान्तनु गौडार और जस्टिस विनीत शरण की बेंच ने शिक्षा मित्रों की भर्ती पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया. एसजी तुषार मेहता और बेसिक शिक्षा बोर्ड के वकील राकेश मिश्रा को इस प्रकरण में कुछ दलील देने की जरूरत नहीं पड़ी.

यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती पासिंग मार्क के प्रकरण में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर पांच में सुनवाई हुई. जस्टिस आर भानुमती व जस्टि इन्दु मल्होत्रा व जस्टिस अनिरुद्ध बोस ने आज इस मामले पर अपना फैसला दिया.

यह भी पढ़ें- आग में जिंदा जली बुजुर्ग महिला, बचाने गईं बेटी और बहू की भी झुलसने से मौत

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के शिक्षामित्रों की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही 69 हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. शिक्षामित्रों की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को खारिज कर दिया है.

याचिकाकर्ताओं की दलील सुनकर ही जस्टिस उदय उमेश ललित, जस्टिस शान्तनुगौडार और जस्टिस विनीत शरण की बेंच ने याचिका खारिज की. शिक्षामित्रों की ओर से दलील रकते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा कि सिंगल जज बेंच ने हमारे दावे के समर्थन में निर्णय दिया, लेकिन डिविजन ने हामार पक्ष पूरी तरह नहीं सुना.