#MeToo Campaign: तस्लीमा भी हो चुकी हैं यौन शोषण की शिकार, NEWS NATION पर की कईं बातें
इसी के तहत बांग्लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भी अपने साथ हुए पुराने यौन शोषण के मामले को NEWS NATION के साथ साझा किया. तस्लीमा नसरीन ने NEWS NATION के साथ की खास बातचीत पर कई मुद्दों पर खुलकर बोली.
नई दिल्ली:
#MeToo अभियान का असर पूरे देश में देखने को मिल रहा है. महिलाएं अपने खिलाफ हुए अत्याचारों के खिलाफ खुलकर बोल रही हैं. औरतें अपने साथ हुए पुराने मामलों को भी इस अभियान के तहत दुनिया के सामने ला रही हैं. बांग्लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भी अपने साथ हुए पुराने यौन शोषण के मामले को #NEWS NATION के साथ साझा किया. तस्लीमा नसरीन ने #NEWS NATION के साथ की खास बातचीत पर कई मुद्दों पर खुलकर बोली.
तस्लीमा नसरीन ने बताया कि वो भी यौन शोषण की शिकार हो चुकी हैं. आज तक वो इस ट्रॉमा से बाहर नहीं निकल पाई हैं. उन्होंने कहा कि वो सुनील गंगोपाध्याय को बड़ा भाई मनाती थी, लेकिन उन्होंने उनके प्राइवेट पार्ट को छुआ. आज तक वो इस हादसे को भूल नहीं पाई हैं.
इसे भी पढ़ें : #MeToo: के.के मेनन ने कहा, उत्पीड़न के आरोपों को गंभीरता से लेने की जरूरत
भारत के केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर #MeToo के तहत लगे आरोपों के सवाल पर तस्लीमा ने कहा कि एमजे अकबर एक अच्छे एडिटर और वक्ता है. हाल ही में मैंने उनका एक बेहतरीन स्पीच सुना. मैं उनके बारे में सुनकर सदमे में हूं.
इस्तीफे के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं सरकार के निर्णय के बारे में नहीं जानती हूं और ना ही इसपर कुछ बोलना चाहूंगी. लेकिन जो भी आरोपी है उसे माफी मांगनी चाहिए. अगर किसी ने कुछ भी ऐसा किया हो तो नैतिकता के आधार पर इस्तीफा भी देना चाहिए.
तस्लीमा नसरीन ने भारत में चलाए जा रहे #MeToo की सराहना करते हुए कहा कि भारत ही नहीं इसे पूरे विश्व में चलाया जाना चाहिए. महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए. चाहे वो बांग्लादेश हो, पाकिस्तान हो या फिर भारत हर जगह महिलाओं को गुलाम समझा जाता है. चाहे वो आम आदमी हो या फिर फेमस आदमी महिलाओं का शोषण करना वो अपना अधिकार मानते हैं.
लेखिका ने आगे कहा कि पुरुषवादी समाज में अगर महिलाएं आवाज उठाती हैं तो उन्हें ही ब्लेम किया जाता है. लेकिन जिन पर आरोप लग रहा है उनपर एक्शन होना चाहिए.
तस्लीमा ने कहा कि महिलाओं को लेकर समाज की सोच बदलनी चाहिए. घर की दहलीज से लेकर दफ्तरों तक महिलाओं के शोषण का चक्र खत्म होना चाहिए.
बता दें कि सुनील गंगोपाध्याय बांग्ला साहित्य के प्रख्यात साहित्यकार हैं. 2012 में तस्लीमा ने उनपर यौन शोषण का आरोप लगाया था. जिसे सुनील गंगोपाध्याय ने एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में खारिज कर दिया था.
और पढ़ें : #MeToo: एमजे अकबर के साथ इस महिला की आपबीती पढ़कर कांप जाएगी आपकी रूह
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