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कृषि कानून नहीं लिया जाएगा वापस, किसानों से मोदी सरकार इन मुद्दों पर कर सकती है चर्चा

नए कृषि कानूनों को खिलाफ किसानों का आंदोलन मंगलवार यानी आज भी जारी है. आंदोलन का छठा दिन हो गया है. लेकिन किसान अपना आंदोलन खत्म नहीं करने का नाम ले रहे हैं तब तक की जबतक उनकी मांगों को सरकार मान नहीं लेती है. इस बीच सरकार भी अब एक्शन में आ गई है.

Updated on: 01 Dec 2020, 04:00 PM

नई दिल्ली :

नए कृषि कानूनों को खिलाफ किसानों का आंदोलन मंगलवार यानी आज भी जारी है. आंदोलन का छठा दिन हो गया है. लेकिन किसान अपना आंदोलन खत्म नहीं करने का नाम ले रहे हैं तब तक की जबतक उनकी मांगों को सरकार मान नहीं लेती है. इस बीच सरकार भी अब एक्शन में आ गई है. सरकार की तरफ से किसान संगठन के नेता को बातचीत के लिए बुलाया गया है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. 
 
दूसरी तरफ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर भी एक बैठक हो रही है. जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार किसी भी कीमत पर नए कृषि कानून को वापस नहीं लेने का मन बना लिया है. 
 
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किसान और सरकार के बीच आज क्या बातचीत होगी और इसका हल क्या निकलेगा इसपर सबकी निगाहें होंगी. इस बीच किसानों का कहना है कि जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
 
आइए बताते हैं कि सरकार और किसान के बीच आज किन मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.
 
-अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के मुताबिक सरकार न्यूनतम सर्थन मूल्य (MSP) से कम कीमत पर खरीद को क्राइम घोषित करें. एमएसपी पर सरकारी खरीद लागू रहे. एमएसपी को लेकर पीएम मोदी ने साफ कर दिया है कि वो जारी रहेगी. पुराना सिस्टम जिसे पसंद है वो उसका उपयोग कर सकता है. सरकार ने यह भी कहा है कि किसानों की फसल की खरीद जारी रहेगी.
 
-एमएसपी और मंडी को लेकर सरकार किसानों को भरोसा दिलाएगी. इसके साथ ही बीजेपी अपने शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मंडी और एमएसपी के मुद्दे पर भरोसा दिलवाएगी. इसके साथ ही यह कहा जा सकता है कि कानून वापस नहीं लेंगे, लेकिन एक कमेटी का गठन किया जा सकता है.
 
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-इस बैठक में सरकार की पूरी कोशिश होगी कि किसान सड़कों से हटकर बुराड़ी के ग्राउंड में जाए. इसके लिए राजनाथ सिंह किसानों को समझा सकते हैं. राजनाथ सिंह की छवि किसान नेता की रही है और हर संगठनों में उनके प्रति एक सम्मान है. इसलिए इस बैठक की जिम्मेदारी राजनाथ सिंह को दिया गया है.