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ब्लिंकन का भारत दौरा, एजेंडे में तालिबान और पाक स्पॉन्सर्ड टेरर

तालिबान को जारी पाकिस्तान समर्थन और लगातार हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन के बीच साउथ एशिया और मिडल ईस्ट के साथ सेंट्रल एशिया पर आतंकवाद का साया बेहद गहरा होता जा रहा है.

Updated on: 25 Jul 2021, 03:27 PM

highlights

  • ब्लिंकन के एजेंडे में अफगानिस्तान का मुद्दा शीर्ष पर
  • अफगानिस्तान में बढ़ रहे तालिबानी आतंक के कदम
  • भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आए हैं ब्लिंकन

नई दिल्ली:

तालिबान को जारी पाकिस्तान समर्थन और लगातार हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन के बीच साउथ एशिया और मिडल ईस्ट के साथ सेंट्रल एशिया पर आतंकवाद का साया बेहद गहरा होता जा रहा है. इस बीच यूएस सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एंटोनी ब्लिंकन की दो दिवसीय भारत यात्रा बेहद अहम है, जोकि इसी महीने के 27 और 28 तरीख को होने जा रही है. अफगानिस्तान की जमीन से यूएस के बोरिया बिस्तर समेटने के साथ ही तालिबान ने अपने आतंकी कदम बढ़ाने शुरू किये और पाकिस्तान के समर्थन से 85% अफगानिस्तान पर कब्जे का दावा कर रहा है.

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अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान ब्लिंकन के एजेंडे में अफगानिस्तान का मुद्दा टॉप पर है. इस मुद्दे पर भारत और अमेरिका जब एक टेबल पर बैठेंगे तो पाक स्पांसर्ड टेरर और टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने की रणनीति बनाई जाएगी, ताकि अफगानिस्तान में शांति प्रयास पटरी पर लौट सके और तालिबान पर अंकुश लगे. खासकर तालिबान और पाकिस्तान के बीच आतंकी गठजोड़ पर इस बैठक के बाद गहरी चोट की उम्मीद जताई जा रही है.

ब्लिंकन के विजिट में दूसरा सबसे अहम मुद्दा है इंडो पैसिफिक का. साउथ चाइना सी में चीन के बढ़ते घुसपैठ और सैन्य प्रभाव क्षेत्र पर काबू पाने के लिये क्वाड की ताकत को बढ़ाना और क्वाड सदस्य देशों के बीच आर्थिक और सामरिक सहयोग बढ़ाने पर भी भारत और अमेरिका के बीच अहम चर्चा होगी.

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प्रेसिडेंट बिडेन के सत्ता संभालने के बाद यह तीसरी हाई लेवल अमेरिका विजिट होगी. इससे पहले मार्च में यूएस डिफेंस सेक्रेटरी लॉयड ऑस्टिन और अप्रैल में जॉन कैरी की भारत यात्रा हुई थी जो क्लाइमेट चेंज के विशेष दूत हैं. ब्लिंकन की यात्रा की अहमियत इस बात से समझी जा सकती है कि उनके एजेंडे में अफगानिस्तान से लेकर इंडो पैसिफिक, सामरिक से लेकर आर्थिक, डिफेंस डील से लेकर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और कोविड से लेकर वैक्सीन के रॉ मटेरियल और अमेरिकी वैक्सीन के भारत में सप्लाई पर भी अहम बातचीत होनी है.

यानी 2+2 डायलॉग के बाद यह भारत और अमेरिका के बीच होनेवाली सबसे उच्चस्तरीय बैठक होगी. ब्लिंकन अपनी यात्रा के दौरान भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर , एनएसए अजीत डोवाल और पीएम मोदी से मुलाकात और अहम बातचीत करने वाले हैं.