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सुशांत केसः आज से शुरू करेगी सीबीआई जांच, सामने होंगी ये तीन 3 बड़ी चुनौतियां

14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित फ्लैट में सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) का शव मिला था. पिता कृष्ण किशोर सिंह (KK Singh) ने पटना पुलिस को लिखित शिकायत देते हुए राजीव नगर थाना में मामला दर्ज करवाया था.

Updated on: 21 Aug 2020, 09:23 AM

पटना/मंबई:

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है. सीबीआई की टीम मुंबई पहुंच चुकी है. सीबीआई ने इस मामले की जांच के लिए 10 सदस्यों की एसआईटी (SIT) बनाई है. भले ही सीबीआई की टीम मुंबई पहुंच गई हो लेकिन सीबीआई के सामने अब भी कई चुनौतियां हैं. सीबीआई की टीम फिलहाल पटना के राजीवनगर थाना में दर्ज एफआईआर के आधार पर आगे बढ़ेगी.

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पटना में दर्ज हुआ था मामला
सुशांत के पिता केके सिंह ने पटना के राजीव नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. इस मामले में रिया चक्रवर्ती पर सुशांत को प्रेम में फंसाकर उसके पैसे निकालने और आत्महत्या के लिए उकासने का आरोप लगाया गया है. पटना पुलिस ने आईपीसी की धारा 341, 342, 380, 406, 420, 306  के तहत दर्ज एफआईआर में रिया चक्रवर्ती, इंद्रजीत चक्रवर्ती, संध्या चक्रवर्ती, शोविक चक्रवर्ती, सैमुएल मिरंडा और श्रुति मोदी को नामजद किया गया है.

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अब इस मामले को सुलझाने के लिए सीबीआई की टीम को तीन हिस्सों में बांटा गया है. हर टीम में तीन सदस्य होंगे और ये सभी आईपीएस मनोज शशिधर को रिपोर्ट करेंगे. पहली टीम को इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज जैसे- केस डायरी, क्राइम सीन के फोटो, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफएसएल रिपोर्ट और दर्ज किए गए गवाहों के बयान की कॉपी को जमा करने की जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा दूसरी टीम रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार से जुड़े लोग, सुशांत के पूर्व मैनेजर, उनके घर पर काम करने वाले लोगों से पूछताछ करेगी. वहीं तीसरी टीम इस मामले में प्रोफेशनल रंजिश, बॉलीवुड के नामचीन लोग और सुशांत का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से भी पूछताछ करेगी. यही टीम सीन ऑफ क्राइम को रीक्रिएट करने का भी काम करेगी.

सीबीआई के सामने होंगी तीन चुनौतियां
इस मामले की तह तक पहुंचना सुशांत के सामने चुनौती भरा साबित होगा. पहली चुनौती होगी कि मामले को दो महीने से अधिक समय बीतने के बाद घटनास्थल से साक्ष्य जुटाना. दूसरी चुनौती यह है कि मुंबई पुलिस का पूरा रिकॉर्ड मराठी भाषा में है उसे समझने में सीबीआई को पऱेशानी साबित होगी. वहीं इस मामले की कोई चश्मदीद नहीं है.