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कोरोना से बिगड़े हालातों पर सुप्रीम कोर्ट आज भी करेगा सुनवाई, कल मांगा था केंद्र से जवाब

देश में दवाओं और ऑक्सीजन की कमी के मामले पर देश की शीर्ष अदालत आज फिर सुनवाई करेगी.

Updated on: 23 Apr 2021, 08:07 AM

highlights

  • कोरोना पर SC में आज फिर सुनवाई
  • कोर्ट ने खुद लिया है मामले में संज्ञान
  • कल मांगा था केंद्र सरकार से जवाब

नई दिल्ली:

भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर जानलेवा साबित हो रही है. हालात ऐसे हैं कि कोरोना दिन प्रतिदिन नए रिकॉर्ड बना रहा है. कोरोना के दैनिक मामलों में भारत ने विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया है. देश में लगातार दूसरे दिन तीन लाख से ज्यादा और अब तक के सर्वाधिक नए कोरोना के मामले मिले हैं. कोरोना की रफ्तार के आगे स्वास्थ्य सेवाएं भी धड़ाम हो गई हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी बुरा असर पड़ रहा है. देश में ऑक्सीजन की भारी किल्लत हो गई है. देश में दवाओं और ऑक्सीजन की कमी के मामले पर देश की शीर्ष अदालत आज फिर सुनवाई करेगी.

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देश के कोविड-19 की मौजूदा लहर से जूझने के बीच सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर स्थिति का गुरुवार को स्वत: संज्ञान लिया और कहा कि वह ऑक्सीजन की आपूर्ति तथा कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं समेत अन्य मुद्दों पर राष्ट्रीय योजना चाहता है. कोर्ट ने केंद्र से ऑक्सीजन की आपूर्ति, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति, टीकाकरण की विधि एवं तरीके से लेकर लॉकडाउन घोषित करने के संबंध में जवाब मांगा.

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न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और एस. रवींद्र भट के साथ प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा, देश के विभिन्न हिस्सों में स्थिति गंभीर है. कोविड के मरीजों और इससे जान गंवाने वालों की संख्या में अचानक वृद्धि देखी जा रही है. पीठ ने कहा कि दवाओं, ऑक्सीजन एवं टीकाकरण की उपलब्धता और वितरण स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह के अनुसार एक समान तरीके से किया जाना चाहिए. शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कह कि हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार महामारी के दौरान उपरोक्त सेवाओं और आपूर्ति से निपटने की एक राष्ट्रीय योजना तैयार करेगी. सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने कहा, वर्तमान स्थिति राष्ट्रीय आपातकाल की तरह है.

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पीठ ने कहा कि वह देश में कोविड-19 टीकाकरण के तौर-तरीके से जुड़े मुद्दे पर भी विचार करेगी. बता दें कि इस समय कम से कम छह हाईकोर्ट कोविड प्रबंधन से जुड़े मामलों पर नजर बनाए हुए हैं, जिनमें दिल्ली, बंबई, सिक्किम, मध्य प्रदेश, कलकत्ता और इलाहाबाद हाईकोर्ट शामिल हैं, जो कोविड प्रबंधन से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन अदालतों ने सर्वोत्तम हित में फैसले लिए हैं, लेकिन कुछ आदेश भ्रम पैदा कर रहे हैं. इनके आदेशों की न्यायिक शक्ति की जांच करने की जरूरत है. शीर्ष अदालत ने मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त किया.