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चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग को SC ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, मीडिया रिपोर्टिंग पर बैन को लेकर अटॉनी जनरल से मांगी राय

सु्प्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को लेकर विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट ने दुर्भाग्यपुर्ण बताया।

Updated on: 20 Apr 2018, 04:25 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को लेकर विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर कोर्ट ने कहा, 'हाल के दिनों में जो कुछ भी हुआ है वह परेशान करने वाला है।'

कोर्ट ने महाभियोग को लेकर हो रही मीडिया रिपोर्टिंग पर बैन की भी मांग की है। इस संबंध में कोर्ट ने अटॉनी जनरल से 7 मई तक राय मांगी है।

महाभियोग प्रस्ताव को लेकर विपक्षी दलों की मीटिंग की खबरों के बीच सुप्रीम कोर्ट में दायर एक एनजीओ की याचिका में कहा गया है कि आर्टिकल 121 के तहत जब तक संसद में किसी जज को हटाने का प्रस्ताव नहीं लिया जाता, तब तक सांसद किसी जज के कंडक्ट को इस तरह पब्लिक फोरम पर डिस्कस नहीं कर सकते।

बता दें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लाने के अंतिम निर्णय के लिए कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां शुक्रवार को दिल्ली में बैठक करने वाली है।

बता दें कि यह बैठक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जज बी एच लोया के मौत की जांच पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच द्वारा याचिका खारिज होने के बाद की जा रही है।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ शुक्रवार को संसद भवन के अपने कक्ष में इस मुद्दे पर बैठक की।

इस पर अंतिम फैसला लेने से पहले विपक्षी दलों के नेता उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मुलाकात करेंगे।

इस महाभियोग के लिए कांग्रेस के अलावा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), समाजवादी पार्टी (एसपी) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) का समर्थन मिल रहा है।

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