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सजा-ए-मौत के लिए फांसी के विकल्प की मांग पर SC का केंद्र से सवाल, पूछा- दूसरे देशों में क्या है व्यवस्था?

मौत की सज़ा के लिए फांसी के अलावा दूसरे विकल्पों के इस्तेमाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से 4 हफ्ते में अपना जवाब दखिल करने को कहा है।

Updated on: 09 Jan 2018, 11:47 PM

नई दिल्ली:

मौत की सज़ा के लिए फांसी के अलावा दूसरे विकल्पों के इस्तेमाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से 4 हफ्तों के भीतर अपना जवाब दखिल करने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि दूसरे देशों में मौत की सजा कैसे दी जा रही है? कोर्ट ने इस मामले में जवाब देने के लिए सरकार को चार हफ्ते का वक्त दिया है।

इससे पहले 6 अक्टूबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट में फांसी की सजा के लिए दूसरे विकल्पों के इस्तेमाल संबंधी याचिका दायर की गई थी।

इस याचिका में कोर्ट से सज़ा-ए-मौत के लिए फांसी की जगह दूसरे तरीकों के इस्तेमाल की मांग की अपील की गई थी जिस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। याचिका में सजा-ए-मौत के लिए फांसी के तरीके को 'क्रूर' और 'अमानवीय' बताया था।

इसके लिए याचिका में लॉ कमीशन की रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है। इस रिपोर्ट में आयोग ने सीआरपीसी की धारा 354(5) में जरूरी संशोधन करने और फांसी के साथ इंजेक्शन के जरिये मौत दिये जाने के वैकल्पिक तरीके को भी अपनाए जाने की सिफारिश भी की है।

पिछली सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा था कि नवीन वैज्ञानिक अविष्कार के जरिए सरकार मौत की सज़ा के लिए दूसरे विकल्पों पर भी विचार कर सकती है, ताकि दोषी को शांति से मौत दी जा सके।

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