किसानों के मसले पर आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, केंद्र को दाखिल करना है जवाब

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 22वें दिन में प्रवेश कर गया है. दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे हैं.

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 22वें दिन में प्रवेश कर गया है. दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे हैं.

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Dalchand Kumar
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किसानों के मसले पर आज फिर SC में सुनवाई, केंद्र को दाखिल करना है जवाब( Photo Credit : फाइल फोटो)

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन आज 22वें दिन में प्रवेश कर गया है. दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान कानूनों के विरोध में धरने पर बैठे हैं. किसानों इन कानूनों को वापस लेने पर अड़े हैं तो सरकार कानूनों को वापस लेने के पक्ष में नहीं है. दोनों पक्षों की इस जिद से मुसीबत आम लोगों को झेलनी पड़ रही है. किसान आंदोलन के चलते सड़कें बंद होने से आम लोग परेशान हैं. हालांकि सड़कों से किसानों को हटाने समेत तीन अलग अलग याचिका पर आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा.

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सुप्रीम कोर्ट में आज केंद्र सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया जाना है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से आंदोलन पर जवाब मांगा है और साथ ही सड़कों पर बैठे किसान संगठनों के नाम मांगे हैं. बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के आंदोलन के बीच गतिरोध को समाप्त करने के लिए केंद्र और किसान यूनियनों की संयुक्त सुनवाई का आदेश दिया. कोर्ट ने बुधवार को यह भी कहा कि अगर अभी जरूरी कदम नहीं उठाए गए, तो किसानों का चल रहा विरोध राष्ट्रीय स्तर पर मुद्दा बन जाएगा और यह मामला फिर सरकार के हाथ से निकल सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने आठ किसान यूनियनों को पक्ष (पार्टी) बनाने का भी आदेश दिया.

कोर्ट ने एक समिति बनाने का भी प्रस्ताव दिया, जिसमें केंद्र और किसान यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल हों और कुछ स्वीकार्य समाधान पर पहुंचे. न्यायाधीश ए. एस. बोपन्ना और वी. रामसुब्रमण्यम के साथ प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे ने कुछ स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए केंद्र, किसान यूनियनों और अन्य संबंधित हितधारकों के प्रतिनिधियों सहित एक समिति बनाने का प्रस्ताव रखा. मुख्य न्यायाधीश ने मेहता से कहा कि सरकार की वार्ता विफल हो सकती है, इसलिए, मामले को समझाने के लिए कुछ किसान यूनियनों का अदालत के सामने आना आवश्यक है.

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बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने तीन किसान अधिनियमों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने की मांग वाली जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान शाहीन बाग मामले में शीर्ष अदालत के आदेश का हवाला दिया, जहां उसने कहा था कि प्रदर्शनकारी सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध नहीं कर सकते.

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