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शाहीन बाग प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, जानिए 10 बड़ी बातें

शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में सड़क रोककर बैठी भीड़ को हटाने से जुड़े मसले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है.

Updated on: 07 Oct 2020, 01:08 PM

नई दिल्ली:

शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में सड़क रोककर बैठी भीड़ को हटाने से जुड़े मसले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है. विरोध प्रदर्शन (Protests) के अधिकार को लेकर कोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति/संगठन विरोध प्रदर्शन के नाम पर सार्वजनिक रास्तों को ब्लॉक करने की इजाज़त नहीं दी जा सकती. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भविष्य में सड़क रोक कर प्रदर्शन किए जाने पर लगाम के लिए जवाबदेही भी तय की है.

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कोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बातें जानिए

  1. उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि विरोध प्रदर्शन के लिए शाहीन बाग जैसे सार्वजनिक स्थलों पर कब्जा करना स्वीकार्य नहीं है और इस प्रकार के स्थानों पर अनिश्चितकाल के लिए कब्जा नहीं किया जा सकता.
  2. कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चितकाल तक कब्जा नहीं किया जा सकता, जैसा कि शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ.
  3. पीठ ने कहा कि लोकतंत्र और असहमति साथ-साथ चलते हैं.
  4. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार एक संवैधानिक अधिकार है और इसका सम्मान किया जाना चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि विरोध करने वाले लोगों को विरोध के ऐसे तरीकों को अपनाना चाहिए, जो औपनिवेशिक शासकों के खिलाफ स्वतंत्रता के लिए संघर्ष के दौरान इस्तेमाल किए गए थे.
  5. कोर्ट ने कहा कि प्राधिकारियों को इस प्रकार के हालात से निपटने के लिए खुद कार्रवाई करनी होगी और वे अदालतों के पीछे छिप नहीं सकते.
  6. पीठ ने कहा कि प्रशासन को सार्वजनिक स्थलों को सभी अवरोधों से मुक्त रखना चाहिए और उन्हें ऐसा करने के लिए कोर्ट के आदेश का इंतजार नहीं करना चाहिए.
  7. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा सार्वजनिक स्थानों या सड़कों पर कब्जा करने से बड़ी संख्या में लोगों को असुविधा होती है और उनके अधिकारों का उल्लंघन होता है, जिसकी कानून अनुमति नहीं देता है.
  8. सीएए विरोधी प्रदर्शनों के खिलाफ दायर याचिका पर शीर्ष अदालत ने यह फैसला सुनाया. इन प्रदर्शनों के कारण कई महीने तक राष्ट्रीय राजधानी के शाहीन बाग इलाके में एक सड़क बाधित हो गई थी.
  9. वकील अमित साहनी ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों द्वारा शाहीन बाग में सड़क बाधित किए जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी.
  10. न्यायाधीश संजय किशन कौल, कृष्ण मुरारी और अनिरुद्ध बोस की खंडपीठ ने करीब 7 महीने बाद इस मामले पर सितंबर में सुनवाई शुरू की थी.