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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- विरोध के नाम पर भविष्य में न बने कोई 'शाहीनबाग'

विरोध प्रदर्शन के अधिकार को लेकर कोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति/संगठन विरोध प्रदर्शन के नाम पर सार्वजनिक रास्तों को ब्लॉक करने की इजाज़त नहीं दी जा सकती.

Updated on: 07 Oct 2020, 11:30 AM

नई दिल्ली:

शाहीन बाग में सड़क रोककर बैठी भीड़ को हटाने से जुड़े मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. विरोध प्रदर्शन के अधिकार को लेकर कोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति/संगठन विरोध प्रदर्शन के नाम पर सार्वजनिक रास्तों को ब्लॉक करने की इजाज़त नहीं दी जा सकती. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने भविष्य में सड़क रोक कर प्रदर्शन किए जाने पर लगाम के लिए जवाबदेही भी तय की है. कोर्ट ने कहा कि आगे ऐसा न हो ये सुनिश्चित करना संबंधित ऑथोरिटी की जिम्मेदारी है.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रदर्शन के नाम पर अनिश्चितकाल के लिए सड़क को जाम नहीं किया जा सकता है. ये पुलिस की जिम्मेदारी है कि ऐसी सूरत में सड़क खाली कराए. कोर्ट ने यह भी कहा है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार संवैधानिक अधिकार है. इसका सम्मान किया जाना चाहिए, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि सड़क जाम कर आने जाने वालों के दिक्कत पैदा की जाए. कोर्ट ने कहा कि ऐसी सूरत में प्रशासन कार्रवाई कर सकता है. उन्हें कोर्ट के आदेश की जरूरत नहीं है.

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सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला शाहीन बाग में सड़क रोक कर बैठी भीड़ को हटाने से जुड़े मसले पर आया है. उल्लेखनीय है कि कोरोना लॉकडाउन लागू होने के बाद भीड़ को हटा दिया गया था. लेकिन आज कोर्ट ने भविष्य में सड़क रोक कर प्रदर्शन किए जाने के मसले पर अपना रुख साफ किया है.