ऑक्सीजन ऑडिट के लिए SC ने बनाई टास्क फोर्स, इन दिग्गजों का नाम नहीं
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई टास्क फोर्स में देशभर के नामी-गिरामी अस्पतालों के प्रमुख डॉक्टरों को शामिल किया गया है. लेकिन इस टास्क फोर्स में एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया और मैक्स हेल्थकेयर के डॉ. संदीप बुद्धिराजा को शामिल नहीं किया गया है.
highlights
- SC ने गठित की नेशनल टास्क फोर्स
- टास्क फोर्स में एम्स निदेशक का नाम शामिल नहीं
- इस टास्क फोर्स में 12 सदस्य होंगे
नई दिल्ली:
कोरोना के बढ़ते संक्रमण (Increasing of Corona Virus Infection) को काबू करने के लिए देश में हर तरह के उपाय किए जा रहे हैं. महामारी (Pendamic) इतनी तेजी से बढ़ रही है के कई राज्यों को ऑक्सीजन और जरुरी दवाओं की भारी अभाव (Big Shortage of Oxygen and Essential Medicine ) का सामना करना पड़ रहा है. इस बुरे समय में देश के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने भी अपनी नजरें लगातार इस पर बना रखी है. शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों में ऑक्सीजन और जरुरी दवाओं के आवंटन के लिए 12- सदस्यीय राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन कर दिया है.
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AIIMS निदेशक का नाम भी शामिल नहीं
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई टास्क फोर्स में देशभर के नामी-गिरामी अस्पतालों के प्रमुख डॉक्टरों को शामिल किया गया है. लेकिन इस टास्क फोर्स में एम्स (AIIMS) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) और मैक्स हेल्थकेयर के डॉ. संदीप बुद्धिराजा (Dr. Sandeep Budhiraja) जैसे दिग्गजों को शामिल नहीं किया गया है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित इस टास्क फोर्स में 12 सदस्य होंगे. ये टास्क फोर्स देश में ऑक्सिजन की जरूरत पर नजर रखेगी और डिस्ट्रीब्यूशन पर सिफारिश करेगी.
शनिवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फैसला किया. इस टास्क फोर्स में केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव कन्वेनर की भूमिका निभाएंगे. पिछले कई दिनों से देश के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है. इस वजह से विभिन्न राज्यों के हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
टास्क फोर्स में इन लोगों को किया शामिल
- डॉक्टर भबतोष विश्वास, पूर्व कुलपति, पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, कोलकाता.
- डॉक्टर देवेंद्र सिंह राणा, चेयरपर्सन, बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट, सर गंगा राम अस्पताल, दिल्ली.
- डॉक्टर देवी प्रसाद शेट्टी, चेयरपर्सन और कार्यकारी निदेशक, नारायण हेल्थकेयर, बेंगलुरु.
- डॉक्टर गगनदीप कांग, प्रोफेसर, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर, तमिलनाडु.
- डॉक्टर जेवी पीटर, डायरेक्टर, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर, तमिलनाडु.
- डॉक्टर नरेश त्रेहन, चेयरपर्सन और प्रबंध निदेशक, मेदांता अस्पताल और हर्ट इंस्टीट्यूट गुरुग्राम.
- डॉक्टर राहुल पंडित, डायरेक्टर, क्रिटिकल केयर मेडिसिन एंड आईसीयू, फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड (मुंबई) और कल्याण (महाराष्ट्र).
- डॉक्टर सौमित्र रावत, चेयरमैन और हेड, डिपार्टमेंट ऑफ सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लिवर ट्रांसप्लांट, सर गंगा राम अस्पताल, दिल्ली.
- डॉक्टर शिव कुमार सरीन, वरिष्ठ प्रोफेसर और हेड ऑफ डिपार्टमेंट ऑफ हेपेटोलॉजी, डायरेक्टर, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलीरी साइंस (ILBS), दिल्ली.
- डॉक्टर जरीर एफ उदवाडिया, कंसल्टेंट चेस्ट फिजिशियन, हिंदुजा हॉस्पिटल, ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल और पारसी जनरल हॉस्पिटल, मुंबई.
- सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार.
- नेशनल टास्क फोर्स के संयोजक भी इसके सदस्य होंगे, जो केंद्र सरकार में कैबिनेट सचिव स्तर का अधिकारी होगा.
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बता दें कि इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र से अगले आदेश तक दिल्ली को कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए रोजाना 700 मीट्रिक टन तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन (LMO) की आपूर्ति करते रहने के लिए कहा था. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने राष्ट्रीय राजधानी में चिकित्सीय ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी पर दिल्ली सरकार की दलील पर गौर किया था. जिसके बाद कोर्ट ने आगाह किया था कि अगर रोज 700 मीट्रिक टन एलएमओ की आपूर्ति नहीं की गई तो वह संबंधित अधिकारियों के खिलाफ आदेश पारित करेगी.
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