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किसान आंदोलन पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, विरोध का अधिकार, लेकिन...

केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन सालों से जारी है. किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को सख्त टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को विरोध का अधिकार है, लेकिन ट्रैफिक नहीं रोक सकते हैं.

Updated on: 23 Aug 2021, 05:11 PM

highlights

  • पिछले एक साल से किसानों का आंदोलन जारी
  • 20 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई
  • सरकार को समाधान निकालना चाहिए

नई दिल्ली:

केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले एक साल से जारी है. किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को सख्त टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को विरोध का अधिकार है, लेकिन ट्रैफिक नहीं रोक सकते हैं. केंद्र सरकार और राज्य सरकार के पास इस समस्या का समाधान है. किसी को भी शांतिपूर्ण आंदोलन का अधिकार है, लेकिन ये उचित जगह पर होना चाहिए. सरकार सुनिश्चित करें कि लोगों को आने-जाने में कोई दिक्कत न हो. इस मामले की अगली सुनवाई अब 20 सितंबर को होगी.

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सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन के चलते सड़कें बंद होने को लेकर केंद्र सरकार से कहा कि वह इस समस्या का कोई समाधान निकाले. नोएडा के एक शख्स की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से मांग की थी कि किसान आंदोलन के चलते नोएडा से दिल्ली को जोड़ने वाली सड़कें बंद हैं. इसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इन सड़कों को जल्द से जल्द खोला जाना चाहिए.

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इस याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि अब तक सड़कें बंद क्यों हैं? प्रदर्शन करने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सड़कें ब्लॉक नहीं होनी चाहिए. साथ ही इस मामले में कोर्ट ने केंद्र और तीन संबंधित राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा कि वे समन्वय स्थापित करें और रोड ब्लॉक को खत्म कराने की कोशिश करें. 

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इस याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस कौल ने कहा कि केंद्र सरकार और संबंधित राज्यों के हाथ में समाधान है. किसी भी कारण से सड़कें बंद नहीं होनी चाहिए. केंद्र सरकार को इस मसले के समाधान के लिए समय दिया जाता है. वह इस मामले का समाधान करे और हमें रिपोर्ट सौंपे.