सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 'कोविड मैनेजमेंट' वाले फैसले पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देश भर में कोविड मैनेजमेंट से जुड़े मामलो की सुनवाई कर रहे हाई कोर्ट्स को ऐसे नीतिगत मामले में सुनवाई से बचना चाहिए जिसके राष्ट्रीय/ अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव हो, क्योकि ऐसे मसलो पर सुप्रीम कोर्ट पहले से सुनवाई कर रहा है.
highlights
- सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला पर लगाई रोक
- UP में ‘राम भरोसे चिकित्सा व्यवस्था‘ वाले फैसले पर लगाई रोक
- यूपी सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि देश भर में कोविड मैनेजमेंट से जुड़े मामलो की सुनवाई कर रहे हाई कोर्ट्स को ऐसे नीतिगत मामले में सुनवाई से बचना चाहिए जिसके राष्ट्रीय/ अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव हो, क्योकि ऐसे मसलो पर सुप्रीम कोर्ट पहले से सुनवाई कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट को अपने आदेश का व्यवहारिक पक्ष भी देखना होगा. ऐसे आदेश देने से बचे जिस पर अमल सम्भव ही ना हो. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के आग्रह पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी. जिसमें कोर्ट ने राज्य में मौजूद हर गांव को ICU सुविधा वाली दो एम्बुलेंस उपलब्ध कराने को कहा था.
यह भी पढ़ें : Toolkit Case: ट्विटर से संचार मंत्रालय ने जताई आपत्ति, कहा- जांच प्रक्रिया में न पड़े
यूपी सरकार का कहना था कि राज्य में 97 हज़ार गांव है. इस आदेश पर अमल सम्भव नहीं. इसके अलावा इसी आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि कोविड का इलाज कर रहे सभी नर्सिंग होम में ऑक्सीजन की सुविधा होनी चाहिए.
यह भी पढ़ें : चहल ने बताई कुलदीप के साथ नहीं खेल पाने की वजह, पंड्या को ठहराया जिम्मेदार
यूपी सरकार की ओर से SG तुषार मेहता ने ये भी दलील दी कि यूपी के गांव कस्बो के हेल्थ केयर सिस्टम को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा रामभरोसे करार देना राज्य के हेल्थ केयर प्रोफशनल के मनोबल पर गलत असर डालेगा.
यह भी पढ़ें : मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने तरुण तेजपाल को बरी किया, गोवा सरकार अपील करेगीः सावंत
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने ग्रामीण आबादी की जांच बढ़ाने और उसमें सुधार लाने का राज्य सरकार को निर्देश दिया और साथ ही पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा था. टीकाकरण के मुद्दे पर अदालत ने सुझाव दिया कि विभिन्न धार्मिक संगठनों को दान देकर आयकर छूट का लाभ उठाने वाले बड़े कारोबारी घरानों को टीके के लिए अपना धन दान देने को कहा जा सकता है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती पर बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, जानें किन राशियो की होगी आर्थिक उन्नति
-
भारत के इस मंदिर में नहीं मिलती पुरुषों को एंट्री, यहां होते हैं कई तांत्रिक अनुष्ठान
-
Mars Transit in Pisces: 23 अप्रैल 2024 को होगा मीन राशि में मंगल का गोचर, जानें देश और दुनिया पर इसका प्रभाव
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी से पहले जरूर करें 10 बार स्नान, सफलता मिलने में नहीं लगेगा समय