Toolkit Case: ट्विटर से संचार मंत्रालय ने जताई आपत्ति, कहा- जांच प्रक्रिया में न पड़े
मंत्रालय ने आगे कहा है कि ट्विटर ने एकतरफा जांच के लिए आगे बढ़ने और कुछ ट्वीट्स को 'हेरफेर' के रूप में नामित करने का फैसला किया है. यह कार्रवाई न केवल ट्विटर की विश्वसनीयता को कमजोर करती है .
highlights
- टूलकिट मामला मामले में भारत संचार मंत्रालय ने ट्विटर से जताई कड़ी आपत्ति
- संचार मंत्रालय ने कहा कि जांच प्रक्रिया में नहीं पड़े
- कुछ ट्वीट्स को 'हेरफेर' के रूप में नामित करने का फैसला किया है
नई दिल्ली:
टूलकिट मामला मामले में भारत संचार मंत्रालय ने ट्विटर से जताई कड़ी आपत्ति. संचार मंत्रालय ने कहा कि जांच प्रक्रिया में नहीं पड़े. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) ने COVID के खिलाफ सरकार के प्रयासों को पटरी से उतारने के लिए बनाए गए टूलकिट के संदर्भ में भारतीय राजनेताओं के कुछ ट्वीट्स पर “मैनिपुलेटेड मीडिया” टैग के उपयोग पर आपत्ति दर्ज करने वाली ट्विटर की वैश्विक टीम को एक मजबूत संचार लिखा है. मंत्रालय ने आगे कहा है कि ट्विटर ने एकतरफा जांच के लिए आगे बढ़ने और कुछ ट्वीट्स को 'हेरफेर' के रूप में नामित करने का फैसला किया है.
संचार मंत्रालय ने कहा कि यह कार्रवाई न केवल ट्विटर की विश्वसनीयता को कमजोर करती है बल्कि ट्विटर की "मध्यस्थ" के रूप में स्थिति पर भी सवालिया निशान लगाती है. सरकार ने ट्विटर से निष्पक्षता और समानता के हित में हाल के दिनों में कुछ ट्वीट्स पर पूर्वाग्रह से ग्रसित 'मैनिपुलेटेड मीडिया' टैग को हटाने के लिए कहा है.
बता दें कि संबित पात्रा ने 18 मई को एक ट्वीट कर लिखा था कि कांग्रेस पार्टी ने एक टूलकिट तैयार की है, जिसके जरिए बुद्धिजीवी केंद्र सरकार के खिलाफ माहौल बना रहे हैं. संबित पात्रा ने इसे कांग्रेस की एक पीआर एक्सरसाइज बताया है. इस ट्वीट में संबित पात्रा ने एक कागज भी शेयर किया था, जिसमें कांग्रेस का लेटरहैड था. इस पत्र में जानकारी दी गई थी कि किस तरह ट्वीट साझा करना है. संबित पात्रा के उस ट्वीट पर अब ट्विटर ने एक्शन लिया है और उसे तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है.
संबित पात्रा ने 18 मई को एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस पार्टी एक टूलकिट के जरिए कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री मोदी की छवि को बिगाड़ने का काम कर रही है. ट्विटर की पॉलिसी के मुताबिक, अगर किसी जानकारी को आपने ट्वीट किया है और उसका सोर्स सटीक नहीं है और उसमें उपलब्ध जानकारी भी गलत है तो इस तरह का लेबल लगाया जाता है.
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