logo-image

राजस्थान के पोखरण से ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण, रक्षा मंत्री ने दी बधाई

2016 में भारत मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) का हिस्सा बना और इसके बाद रूस के सहयोग से इसका निर्माण किया गया।

Updated on: 22 Mar 2018, 12:20 PM

नई दिल्ली:

सुपरसोनिक ब्रह्रोस मिसाइल का परीक्षण सफल रहा है। गुरुवार की सुबह राजस्थान के पोखरण से इस मिसाइल को दागा गया था। यह अपने लक्ष्य को पूरी तरह से भेदने में सफल रहा।

मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद रक्षा मंत्री ने इसे लेकर डीआरडीओ को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'मैं इसके लिए डीआरडीओ, सशस्त्र बलों  और रक्षा उद्योग को बधाई देती हूं। यह सफल परीक्षण हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक मजबूत करेगा।'

गौरतलब है कि ब्रह्मोस भारत की रक्षा प्रणाली में बेहद अहम भूमिका रखता है और इसका निर्माण रूस के सहयोग से किया गया है।

2016 में भारत मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) का हिस्सा बना और इसके बाद रूस के सहयोग से इसका निर्माण किया गया।

दो नदियों को मिलाकर रखा मिसाइल का नाम

ब्रह्मोस का पहला सफल परीक्षण 12 जून, 2001 को हुआ था। इस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मस्कवा नदी पर रखा गया है।

ये है ब्रह्मोस की खासियत

ब्रह्मोस की रफ्तार 2.8 मैक (ध्वनि की रफ्तार के बराबर) है। इस मिसाइल की रेंज 290 किलोमीटर है। यह 300 किलोग्राम भारी युद्धक सामग्री ले जा सकती है। हाल में आई खबरों के मुताबिक ब्रह्मोस जैसी क्षमता वाली मिसाइल अभी तक चीन और पाकिस्‍तान ने विकसित नहीं की है।

ये भी पढ़ें: फेसबुक डेटा लीक: मार्क जुकरबर्ग ने मानी गलती, दिया सुरक्षा का भरोसा