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हार से बौखलाए राजभर ने पिछड़े वर्ग को दी ऐसी-ऐसी 'गालियां'

लाख जतन के बाद भी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी वाला गठबंधन जीत से कोसों दूर रह गया. अब अपनी हार को नहीं पचा पा रहे नेता अपनी-अपनी भड़ास निकाल रहे हैं.

Updated on: 12 Mar 2022, 04:49 PM

highlights

  • राजभर ने पिछड़ों पर निकाला हार की खीज
  • पूरे समाज को ही बताया डाला अनपढ़, गंवार
  • बोले, समझाने के बाद भी नहीं समझे नासमझ

लखनऊ:

लाख जतन के बाद भी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी वाला गठबंधन जीत से कोसों दूर रह गया. अब अपनी हार को नहीं पचा पा रहे नेता अपनी-अपनी भड़ास निकाल रहे हैं. इस मामले में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) प्रमुख ओपी राजभर ने सारी हदें पार कर दी है. उन्होंने पिछड़े वर्ग के लोगों को शिक्षित, गंवार और नासमझ करार दिया है. इसके साथ ही उन्होंने मीडिया से बात करते हुए माना कि जनता को अपनी बात समझाने में वे नाकाम रहे.  

एक टीवी चैनल ने जब उनसे हार की वजहों को लेकर सवाल किया तो उन्होंने बताया कि हम जिस वोट को अपने साथ लाना चाहते थे, उनमें बहुत ज्यादा अशिक्षा है. अशिक्षा की वजह से उसे शिक्षा की बात समझ नहीं आता ही है. इन लोगों को नौकरी की बात समझ नहीं आती है. जो कभी बीमार नहीं हुआ या जिस परिवार में कोई हॉस्पिटल नहीं गया, उसे हमारी फ्री इलाज की बात समझ नहीं आई. जो हॉस्पिटल आया था, उसे ये बात समझ आई कि इलाज कराने के लिए किस तरह सूद पर पैसा लेना पड़ा और जमीन गिरवी रखनी पड़ी.

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उनसे जब बुलडोजर के मुद्दे पर भाजपा को वोट मिलने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब में कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर देखा है कि हमारे कुछ बैकवर्ड क्लास के लोग जो अशिक्षित और गंवार है. वहीं, बुलडोजर चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम उनको कहते हैं, नासमझ लोग बुलडोजर पर बैठकर नारा लगा रहे हैं. मैं उनसे कहना चाहूंगा कि अगर आप इतना समय अपने बच्चे को पढ़ाने में लगा देते तो आपके बच्चे भी डॉक्टर, मास्टर और इंजीनियर बन जाते.

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उनसे जब यह पूछा गया कि जनता ने आपकी बातों को क्यों खारिज कर दिया तो उन्होंने इसके जवाब में कहा कि हमने तो समझाने का बहुत प्रयास किया, अगर जनता नहीं समझना चाहती है तो हम क्या कर सकते हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि क्लास में शिक्षक समझाता है. एक ही शिक्षक 50 बच्चों को पढ़ाता है, लेकिन सभी मेरिट तो नहीं आ पाते हैं. 2-3 ही फर्स्ट आ पाते हैं. कुछ सेकेंड और कुछ थर्ड आते हैं और 10-20 फेल भी हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी अखिलेश यादव से बातचीत हुई है और एक-एक सीट पर समीक्षा की जाएगी कि यहां क्यों हारे और जहां जीते वहां वजह क्या रही.