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UN में भी नए IT नियम पर भारत सरकार सख्त, नहीं चलेगी कंपनियों की मनमानी

भारत सरकार ने साफ किया है कि नए मीडिया प्लेटफॉर्म (Social Media) की मदद से आतंकियों की भर्ती, अश्लील सामग्री का बढ़ना, वित्तीय फ्रॉड, हिंसा को बढ़ावा मिलना जैसे मामले सामने आए थे. इसकी वजह से नियमों में बदलाव को सरकार मजबूर हुई.

Updated on: 21 Jun 2021, 09:07 AM

highlights

  • भारत सरकार ने यूएन को दिया जवाब
  • सभी तरह की चिंताएं गलत- भारत सरकार
  • भारतीय कानूनों का सम्मान करना पड़ेगा- सरकार

नई दिल्ली:

भारत सरकार और सोशल मीडिया के बीच चल रही जंग अब अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंच गई है. भारत में लागू किए गए नए आईटी नियमों पर संयुक्त राष्ट्र (UN) के कुछ एक्सपर्ट्स द्वारा सवाल उठाने के बाद अब केंद्र सरकार (Modi Government) की तरफ से जवाब भेजा गया है. इसमें साफ कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के हो रहे गलत इस्तेमाल के चलते उन्हें नए नियम लागू करने पर मजबूर होना पड़ा. भारत सरकार ने साफ किया है कि नए मीडिया प्लेटफॉर्म (Social Media) की मदद से आतंकियों की भर्ती, अश्लील सामग्री का बढ़ना, वित्तीय फ्रॉड, हिंसा को बढ़ावा मिलना जैसे मामले सामने आए थे. इसकी वजह से नियमों में बदलाव को सरकार मजबूर हुई. भारत की तरफ से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को यह जवाब भेजा गया है.

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सरकार ने कहा- सभी चिंताएं गलत

सरकार के मुताबिक चिंता जताई जा रही है कि नियमों का जानबूझकर दुरुपयोग किया जा सकता है. इनकी मदद से बड़ी संख्या में शिकायतें की जा सकती हैं, ताकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के शिकायत निवारण तंत्र को प्रभावित किया जा सके. यह भी गलत और अतिश्योक्तिपूर्ण हैं. 

'भारतीय कानूनों का सम्मान करना पड़ेगा'

बता दें कि भारत सरकार द्वारा बनाई गई नई गाइडलाइंस को पिछले महीने की 26 तारीख को लागू किए गए थे. इस नए नियम को मध्यस्थ दिशा निर्देश और डिजिटिल मीडिया आचरण संहिता नाम दिया गया है. भारत सरकार द्वारा लागू किए नए नियमों से सोशल मीडिया कंपनियां काफी परेशान हैं. खासतौर पर ट्विटर ने इन नियमों का कड़ा विरोध किया है. वहीं भारत सरकार ने भी साफ कर दिया है कि भारत में बिजनेस करने के लिए भारत सरकार के कानूनों का पालन करना पड़ेगा. 

ट्विटर कर रहा नए नियमों का विरोध

नए आईटी नियमों को लेकर ट्विटर ने एक संसदीय समिति के सामने कहा था कि वह देश का कानून नहीं बल्कि अपने नियम मानेगा. न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि आईटी से जुड़ी संसद की स्थायी समिति के सामने जब ट्विटर इंडिया से पूछा गया कि क्या वह देश के कानून का पालन करती है तब उसके प्रतिनिधि ने कहा कि हम अपनी खुद की नीतियों का पालन करते हैं. जिसपर भारत सरकार ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि कंपनी को भारतीय कानूनों का सम्मान करना पड़ेगा. सरकार ने कहा कि 'देश का कानून सर्वोपरि है, कंपनी की नीति नहीं.' 

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फेसबुक राजी, ट्विटर ने समय मांगा

इस गाइडलाइन की डेडलाइन खत्म होने से पहले इंटरनेट मीडिया के सबसे बड़े खिलाड़ी फेसबुक ने अपने बयान में कहा है कि वह सरकार की नई गाइडलाइन का सम्मान करती है और इसे लागू करने को लेकर काम कर ही है. फेसबुक ने ये भी कहा है कि नई गाइडलाइन को लागू करने को लेकर उसकी सरकार के साथ चर्चा भी चल रही है. दूसरी तरफ भारत सरकार के सख्त तेवरों को देखते हुए ट्विटर का रुख नरम पड़ा था, और उसने नए दिशा-निर्देशों का पालन करने की बात कही थी. ट्विटर (Twitter) ने केंद्र सरकार की तरफ से नई गाइडलाइन को लागू करने के लिए 6 महीने का समय मांगा है.