SSR Case: अब हो सकती है NIA की एंट्री, जांच में होगी चौथी एजेंसी
अगर इस केस की जांच एनआईए को सौंपी जाती है तो केंद्रीय जांच ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के बाद एनआईए इस मामले में शामिल होने वाली चौथी एजेंसी बन जाएगी.
नई दिल्ली:
सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) सुसाइड केस में उनकी गर्लफ्रैंड रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) की बयानबाजी भरी एंट्री के बाद पहले से चल रही सीबीआई (CBI) जांच ने फिलहाल ड्रग कनेक्शन का रूप अख्तियार कर लिया है. स्थिति यह आ गई है कि एनसीबी की जांच में बॉलीवुड में ड्रग (Drugs) का सेवन करने वाले लोगों के तार न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़ रहे हैं, बल्कि इसके घेरे में दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) जैसे बड़े नाम भी शामिल हो रहे हैं. ऐसे में सूत्र बता रहे हैं कि अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की एंट्री हो सकती है. गौरतलब है कि ड्रग से संबंधित मामलों की जांच के लिए केंद्र सरकार द्वारा अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी को भी मंजूरी दे दी गई है.
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जांच में शामिल होने वाली चौथी एजेंसी होगी एनआईए
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने सरकार के वरिष्ठ सूत्रों के हवाले से कहा है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े केस की एनआईए जांच का यह बड़ा कारण हो सकता है. अगर इस केस की जांच एनआईए को सौंपी जाती है तो केंद्रीय जांच ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के बाद एनआईए इस मामले में शामिल होने वाली चौथी एजेंसी बन जाएगी. गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने मंगलवार को एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया कि धारा 53 द नार्कोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के अनुसार, केंद्र राज्यों के साथ परामर्श करने के बाद 'एनआईए में निरीक्षकों के रैंक से ऊपर के अधिकारियों को शक्तियों का प्रयोग करने और कर्तव्यों का पालन करने के लिए आमंत्रित करता है.'
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हाल ही में केंद्र सरकार ने एनआईए को दिए हैं इसके अधिकार
यह धारा सरकार को किसी भी अधिकारी को इस अधिनियम के तहत अपराधों की जांच के लिए एक पुलिस स्टेशन की शक्तियां प्रदान करने की अनुमति देती है. एनआईए की स्थापना 2008 के मुंबई सीरियल धमाकों के बाद एक साल के लिए की गई थी. खासतौर से देश भर में आतंकी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए. पिछले साल एनआईए अधिनियम में संशोधन में, एजेंसी को मानव तस्करी, जाली नोट और साइबर आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच करने का अधिकार क्षेत्र भी दिया गया था, लेकिन मादक पदार्थों के मामले अभी भी इसके दायरे में नहीं थे. मंगलवार को इसका भी आदेश दे दिया गया.
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एसएसआर केस की जांच का हो जाएगा विस्तार
इस मामले के जानकार एक सरकारी अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि यह आदेश सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में चल रही जांच के दायरे का विस्तार कर सकता है, जहां ड्रग्स, मनी लॉन्ड्रिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे उभरे हैं. एक दूसरे सरकारी अधिकारी ने कहा कि अधिसूचना का महत्व यह था कि ऐसे मामले जो पहले केवल एनसीबी के डोमेन थे, अब एनआईए द्वारा नियंत्रित किए जा सकते हैं. महाराष्ट्र के एक मंत्री से इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे फिलहहाल इसकी कोई जानकारी नहीं है.
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राजनीतिक मुद्दा बन गई सुशांत की मौत
यहां यह ध्यान रखें कि 14 जून को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मौत केस की जांच के लिए बिहार सरकार ने जैसे ही सीबीआई जांच की मांग की वैसे ही यह एक राजनीतिक मुद्दा बन गई. बिहार सरकार की इस मांग की महाराष्ट्र सरकार ने आलोचना की. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और सर्वोच्च न्यायालय ने भी सीबीआई जांच की मंजूरी दे दी. इस केस में मौत के आसपास की परिस्थितियों की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है और ड्रग्स की एगल पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा जांच की जा रही है.
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