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ISI का मोहरा बनकर देश की छवि से खेल रहे कुछ स्वार्थी लोग, 183 बुद्धिजीवियों ने लिखा पत्र

सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों से लेकर सेना और अखिल भारतीय सेवाओं के पूर्व अफसरों सहित कुल 183 पूर्व अफसरों ने देश भर के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर देश के खिलाफ एक बड़ी साजिश से आगाह किया है.

Updated on: 12 May 2020, 06:54 AM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों से लेकर सेना और अखिल भारतीय सेवाओं के पूर्व अफसरों सहित कुल 183 पूर्व अफसरों ने देश भर के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर देश के खिलाफ एक बड़ी साजिश से आगाह किया है. कहा है कि जब देश में कोरोना (Corona Virus) के खिलाफ लड़ाई चल रही है, तब कुछ स्वार्थी तत्व इस्लामोफोबिया के नाम पर झूठा प्रचार कर रहे हैं कि धर्म विशेष का उत्पीड़न हो रहा है. जबकि यह बात सरासर झूठ है. 183 हस्तियों ने पाकिस्तान (Pakistan) की खुफिया एजेंसी आईएसआई के हाथों इन तत्वों के मोहरा बनने की बात कही है.

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रिटायर्ज जज अनिल दवे, एसएन झा, एसएम सोनी, एमसी गर्ग, अंबादास जोशी, के श्रीधर राव, अशोक, पीएन रविंद्रन, पूर्व रक्षा सचिव योगेंद्र नारायण, पूर्व विदेश सचिव शशांक, पूर्व रा चीफ संजीव त्रिपाठी सहित, पूर्व लेफ्टिनेंट जर्नल गुरमीत सिंह, वीके चतुर्वेदी सहित 183 हस्तियों ने लिखे पत्र में अफवाहों से सावधान रहने की सलाह दी है.

सिटीजन ऑफ इंडिया ग्रुप से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों की इन हस्तियों ने पत्र में कहा है कि जब केंद्र और राज्य सरकारें महामारी से निपटने के लिए भोजन और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर जोर दे रहीं हैं, तब कुछ लोग इस्लामोफोबिया का झूठा राग अलापकर देश की छवि खराब करने की नापाक कोशिश में जुटे हैं. ऐसे लोग देश के सामाजिक ताने-बाने और देश की प्रतिष्ठा को झूठी खबरों के जरिए नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.

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हस्तियों ने कहा है कि चौंकाने वाली बात है कि आईएसआई और पाकिस्तान की ओर संचालित ट्विटर हैंडलों के जरिए भारत के खिलाफ चल रहे अंडरकवर ऑपरेशन में ऐसे लोग हाथ बंटा रहे हैं. लिहाजा इन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है. 183 प्रमुख हस्तियों ने देश की छवि से खिलवाड़ करने वाले इन लोगों पर इंटेलीजेंस एजेंसियों से कड़ी नजर रखने की मांग की.