Smoke Attack In Parliament: संसद में स्मोक अटैक करने वालों को क्या मिलेगी सजा? जानें सबकुछ

Smoke Attack In Parliament: संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों के खिलाफ दोष सिद्ध हुआ तो मिलेगी कड़ी सजा.

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Dheeraj Sharma
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Smoke Attack In Parliament

Smoke Attack In Parliament ( Photo Credit : File)

Smoke Attack In Parliament: संसद की सुरक्षा में सेंध और लोकसभा में स्मोक अटैक करने वाले सभी आरोपियों से पूछताछ जारी है. इन सभी आरोपियों में कोर्ट में भी पेश किया जा रहा है. लोकतंत्र के इस मंदिर पर हमला करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी, कानूनी रूप से इन्हें क्या सजा दी जा सकती है. ये सवाल हर किसी के जहन में बना हुआ है. दरअसल अब तक इस मामले में पांच आरोपियों को हिरासत में लिया गया है. जबकि एक आरोपी जिसे इस साजिश का मास्टरमाइंड भी कहा जा रहा है वह ललित झा अब तक फरार है. 

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संसद की सुरक्षा में सेंध मामले में अब तक पांच आरोपियों को पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया है. इनमें से एक महिला भी शामिल हैं. पकड़े पांच लोगों की पहचान सागर शर्मा, मनोरंजन गौड़ा, अमोल शिंदे, नीलम आजाद और विक्की शर्मा के रूप में हुई है. जबकि फरार छठा आरोपी ललित झा है. ललित झा को ही साजिश का मास्टर माइंड बताया जा रहा है. 

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इन धाराओं में दर्ज हुआ केस
संसद में स्मोट अटैक करने वाले आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां अधिनियम (UAPA) के तहत केस दर्ज किया गया है. दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा यूएपीए के तहत इस मामले में जांच भी की जा रही है. ये कानून 1967 में बनाया गया था. इसका मकसद गैर कानूनी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करना है. यही नहीं इस कानून के तहत आतंकी गतिविधियों में दोषी ठहराए जाने पर कड़ी सजा भी दी जा सकती है. 

क्या मिल सकती है सजा
इस मामले में अगर आरोपियों पर दोष सिद्ध होते हैं कड़ी सजा मिल सकती है. इसके तहत आरोपियों की संपत्ति कुर्की तक का अधिकार है. यही नहीं पुलिस 30 दिन की हिरासत मांगती है जबकि न्यायिक कस्टडी 90 दिनों तक हो सकती है. खास बात यह है कि इस दौरान अग्रिम जमानत भी नहीं मिलती. 

क्या है गैरकानूनी गतिविधि
यहां गैरकानूनी गतिविधि की बात करें तो इससे मतलब किसी व्यक्ति या संगठन की ओर से भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को बाधित करने के इरादे से की गई कार्रवाई  है. इस मामले में दोषी पाए जाने वाले शख्स को मृत्युदंड और आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. 

बता दें कि UAPA में जांस एजेंसी के अरेस्ट किए जाने के बाद ज्यादातर 180 दिन में चार्जशीट फाइल होती है. हालांकि कुछ मामलों में कोर्ट को जानकारी देने के बाद इस ड्यूरेशन को बढ़ाया जा सकता है.

HIGHLIGHTS

  • दोष सिद्ध हुआ तो स्मोक अटैक के आरोपियों को मिलेगी कड़ी सजा
  • संपत्ति कुर्की का भी है अधिकार, UAPA के तहत पुलिस ने हिरासत में लिया
  • अब तक पांच आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया, 1 आरोपी अब भी फरार 
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