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BJP का 5 चुनावी राज्यों में विरोध करेंगे किसान, बंगाल में 12 मार्च को रैली

एसकेएम के प्रतिनिधि इस उद्देश्य के लिए इन राज्यों का दौरा करेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे. इसकी शुरुआत 12 मार्च को कोलकाता (Kolkata) से होगी.

Updated on: 02 Mar 2021, 08:17 PM

highlights

  • कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के 6 मार्च को हो रहे 100 दिन
  • बीजेपी के खिलाफ पांच राज्यों में मतदाताओं से अपील करेंगे एसकेएम
  • 6 मार्च के केएमपी एक्सप्रेस-वे की 5 घंटे रहेगी नाकाबंदी

नई दिल्ली:

कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ शुरू हुआ किसान आंदोलन (Farmers Protest) अब सिरे से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ आ चुका है. आंदोलन के 100 दिन होने जा रहे हैं और इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने आने वाले दिनों में अपने धरना-प्रदर्शन को धार देने के लिए विस्तृत कार्रवाई की रूपरेखा तैयार की है. इसका सबसे बड़ा पहलू यह है कि पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में मोर्चा ने बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने की खुलेआम घोषणा कर दी है. एसकेएम ने कहा है कि जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, उन राज्यो में किसान मोर्चा बीजेपी की किसान-विरोधी, गरीब-विरोधी नीतियों के खिलाफ जनता से एक अपील करेगा. एसकेएम के प्रतिनिधि इस उद्देश्य के लिए इन राज्यों का दौरा करेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे. इसकी शुरुआत 12 मार्च को कोलकाता (Kolkata) से होगी.

6 मार्च को केएमपी एक्सप्रेस-वे की 5 घंटे की नाकाबंदी
6 मार्च 2021 को दिल्ली से लगती सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन शुरू होने के 100 दिन हो जाएंगे. उस दिन दिल्ली व दिल्ली सीमा के विभिन्न विरोध स्थलों को जोड़ने वाले केएमपी एक्सप्रेस-वे पर 5 घंटे की नाकाबंदी होगी. यह सुबह 11 से शाम 4 बजे के बीच जाम किया जाएगा. यहां टोल प्लाजा को टोल फीस जमा करने से भी मुक्त किया जाएगा. शेष भारत में आंदोलन को समर्थन के लिए और सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने के लिए घरों और कार्यालयों पर काले झंडे लहराए जाएंगे. संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रदर्शनकारियों को उस दिन काली पट्टी बांधने के लिए भी आह्वान किया है.

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महिला दिवस पर महिलाएं संभालेंगी विरोध मोर्चा
किसान मोर्चा ने आगे कहा कि 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सभी प्रदर्शन स्थलों पर महिला प्रदर्शनकारियों को सामने लाया लाएंगे 5 मार्च से कर्नाटक में 'एमएसपी दिलाओ' आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसमें पीएम से फसलों के लिए एमएसपी सुनिश्चित करने को कहा जाएगा. भारतीय किसान यूनियन के बलबीर एस राजेवाल ने आगे कहा कि हम पश्चिम बंगाल और केरल में चुनावों के लिए अलग-अलग टीमों को भेजेंगे. हम किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे, लेकिन लोगों से अपील करेंगे कि वे उन उम्मीदवारों को वोट दें जो बीजेपी को हरा सकते हैं. हम लोगों को किसानों के प्रति मोदी सरकार के रवैये के बारे में बताएंगे.

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बीजेपी नेताओं के गांव के प्रवेश पर लगाएंगे रोक
स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि 10 ट्रेड संगठनों के साथ हमारी मीटिंग हुई है. सरकार सार्वजनिक क्षेत्रों का जो निजीकरण कर रही है उसके विरोध में 15 मार्च को पूरे देश के मज़दूर और कर्मचारी सड़क पर उतरेंगे और रेलवे स्टेशनों के बाहर जाकर धरना प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से इस आंदोलन को समाप्त करने का प्रयास किया गया था. केंद्र सरकार में हरियाणा के जो 3 केंद्रीय मंत्री हैं, उन 3 केंद्रीय मंत्रियों का उनके गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी जाएगी. इसके साथ ही एसकेएम पूरे भारत में 'एमएसपी दिलाओ अभियान' शुरू करेगी.  अभियान के तहत विभिन्न बाजारों में किसानों की फसलों की कीमत की वास्तविकता को दिखाया जाएगा, जो मोदी सरकार व एमएसपी के झूठे दावों और वादों को उजागर करेगा. यह अभियान दक्षिण भारतीय राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में शुरू किया जाएगा. पूरे देश में किसानों भी इस अभियान में शामिल किए जाएंगे.