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कंगना से बदला लेने में हाईकोर्ट को नजरअंदाज किया BMC ने

शिवसेना खासकर उसके सांसद संजय राउत इस कदर भड़के हुए हैं कि वे असंसदीय भाषा समेत अवैध तरीके से कंगना के खिलाफ कार्रवाई करने से भी गुरेज नहीं कर रही.

Updated on: 09 Sep 2020, 12:47 PM

मुंबई:

कंगना रानौत (Kangana Ranaut) के खिलाफ शिवसेना नीत उद्धव ठाकरे (Udhav Thackeray) सरकार बदले की कार्रवाई में इस कदर अंधी हो चुकी है कि उसके लिए हाईकोर्ट (High Court) के आदेश की भी कोई अहमियत नहीं है. पता चला है कि 15 जुलाई को मुंबई हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) के मद्देनजर एक आदेश पारित किया था, जो 31 अगस्त तक था. इसमें साफ-साफ कहा गया था कि किसी भी किस्म का निर्माण ध्वस्त नहीं किया जा सकता है. 30 सितंबर तक इस आदेश को फिर बढ़ा दिया गया था. ऐसे में बुधवार को बांद्रा स्थित कंगना रानौत के ऑफिस को बीएमसी ने अवैध निर्माण के नाम पर ध्वस्त कर दिया. इस मसले पर कंगना के वकीलों ने हाईकोर्ट का रुख किया है, जहां आज ही सुनवाई होनी है.

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कंगना के खिलाफ शिवसेना ने सारी ताकत झोंकी
कंगना के बेबाक बयानों से शिवसेना बौखलाई हुई है. कंगना के मुंबई और मुंब्रा देवी के कथित अपमान पर शिवसेना खासकर उसके सांसद संजय राउत इस कदर भड़के हुए हैं कि वे असंसदीय भाषा समेत अवैध तरीके से कंगना के खिलाफ कार्रवाई करने से भी गुरेज नहीं कर रही. गौरतलब है कि संजय राउत और शिवसेना की धमकी को नजरअंदाज कर कंगना ने पहले ही कह दिया था कि वह 9 सितंबर को मुंबई पहुंच रही हैं. इसके साथ ही उन्होंने चुनौती देते हुए कहा था कि जिसमें दम है, वह उन्हें रोक कर दिखाए.

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ऑफिस के बाहर और अंदर की गई तोड़-फोड़
शिवसेना की धमकी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने कंगना को वाय श्रेणी की सुरक्षा देकर उन्हें मुंबई सुरक्षित पहुंचाने का रास्ता साफ कर दिया. बुधवार को कंगना ने हिमाचल के अपने घर से चंडीगढ़ के लिए सफर शुरू ही किया था कि मुंबई में बीएमसी का दस्ता बांद्रा स्थित उनके ऑफिस जा पहुंचा. जेसीबी की मदद से बीएमसी दस्ते ने ऑफिस के बाहर तोड़फोड़ करने के साथ ही ऑफिस के अंदर भी तोड़-फोड़ कर दी. वह भी तब जब हाईकोर्ट ने 31 सितंबर तक कोरोना संक्रमण के चलते किसी भी तरह की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगा रखी है.