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सामना के बहाने शिवसेना बोली -देशद्रोही पत्रकार, सुपारीबाज कलाकार का समर्थन करना भी 'हरामखोरी'

कंगना रनौत को हरामखोर कहने वाले संजय राउत को इंटरव्यू के लिए चुनौती देने वाले रिपब्लिक भारत टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) पर भी मुखपत्र सामना में निशाना साधा गया है और देशद्रोही बताया है.

Updated on: 09 Sep 2020, 11:55 AM

मुंबई:

सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) मौत मामले में मुखर रहने वालीं कंगना रनौत (Kangana Ranaut) और शिवसेना (Shivsena) के बीच बीते कुछ दिनों से जुबानी जंग जारी है. शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने हाल में न्यूज नेशन से बातचीत में कंगना को हमारखोर कहा. इसके बाद से जुबानी जंग और तेज हो गई है. अब इतना ही नहीं, कंगना रनौत को हरामखोर कहने वाले संजय राउत को इंटरव्यू के लिए चुनौती देने वाले रिपब्लिक भारत टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) पर भी मुखपत्र सामना में निशाना साधा गया है और देशद्रोही बताया है. शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के आज के लेख में बिना नाम लिए कहा गया है कि राजनीतिक एजेंडे को सामने लाने के लिए देशद्रोही पत्रकार और सुपारीबाज कलाकारों के राजद्रोह का समर्थन करना भी 'हरामखोरी' ही है. गौरतलब है कि संजय राउत इस मुखपत्र के एडिटर हैं.

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सामना बिना नाम लिए अरनब गोस्वामी पर हमला बोला. सामना में लिखा गया कि 'राजनीतिक एजेंडे को सामने लाने के लिए देशद्रोही पत्रकार और सुपारीबाज कलाकारों के राजद्रोह का समर्थन करना भी ‘हरामखोरी’ ही है. मतलब माटी से बेईमानी ही है. जो लोग महाराष्ट्र के बेईमानों के साथ खड़े हैं, उन्हें106 शहीदों की बद्दुआ तो लगेगी ही, लेकिन राज्य की 11 करोड़ जनता भी उन्हें माफ नहीं करेगी. हिंदुत्व और संस्कृत का धर्म और 106 शहीदों के त्याग का अपमान किया गया तथा ऐसा अपमान करके छत्रपति शिवराज के महाराष्ट्र पर नशे की पिचकारी फेंकने वाले व्यक्ति को केंद्र सरकार विशेष सुरक्षा की पालकी का सम्मान दे रही है.

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कंगना पर भी साधा निशाना
सामना में कंगना के मुंबई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर वाले बयान पर कहा गया है, 'मुंबई किसकी? यह सवाल ही कोई ना पूछे. मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी है ही, लेकिन देश का सबसे बड़ा आर्थिक लेन-देन का केंद्र भी है. मुंबई में ईमान से रहने वाले सब लोगों की है क्योंकि यह हिंदुस्थान की है। इसके पहले वह छत्रपति शिवराय के महाराष्ट्र की है. इसीलिए वह हिंदुस्थान की भी है. मुंबई की तुलना ‘पाक अधिकृत’ कश्मीर से करना और मुंबई पुलिस को माफिया आदि बोलकर खाकी वर्दी का अपमान करना बिगड़ी हुई मानसिकता के लक्षण हैं.