ज्ञानवापी परिसर में 6-7 मई को सर्वेक्षण करने वाले एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा ने यहां की स्थानीय अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें दावा किया गया है कि उन्हें ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर हिंदू धार्मिक प्रतीकों और मंदिर का मलबा मिला है।
बाद में सर्वेक्षण रिपोर्ट लीक करने पर मिश्रा को पैनल से हटा दिया गया था।
अदालत को सौंपी गई रिपोर्ट में अजय मिश्रा ने कहा : 6 मई, 2022 को सर्वेक्षण शुरू होने के बाद उत्तर-पश्चिम की दीवार पर देवी-देवताओं के प्रतीकों वाले मंदिरों का मलबा मिला। पत्थरों पर खुदे हुए कुछ कमल के प्रतीक भी पाए गए। मस्जिद के उत्तर पश्चिम कोने पर सीमेंट, लोहे की छड़ों का उपयोग करके एक नया मंच बनाया गया देखा जा सकता है। पूरे क्षेत्र की वीडियोग्राफी की गई है।
उन्होंने कहा, उत्तर से पश्चिम की ओर बढ़ते समय हिंदू देवता शेषनाग जैसी छवियां देखी गईं, जिनकी वीडियोग्राफी की गई। सिंदूरी रंग की नक्काशी वाले कुछ पत्थर भी पाए गए।
उन्होंने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा कि एक त्रिकोणीय आकार की संरचना भी मिली थी, जिसका इस्तेमाल मिट्टी का दीया रखने के लिए किया जाता था।
रिपोर्ट में मिश्रा ने कहा, पूर्व दिशा में बैरिकेडिंग के अंदर और मस्जिद की दीवार के पश्चिम में मंदिर का कुछ मलबा मिला।
अगले दिन 7 मई को मिश्रा ने कहा, उन्होंने याचिकाकर्ताओं की उपस्थिति में सर्वेक्षण का काम फिर से शुरू किया और दावा किया कि उन्हें मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी मंदिर की दहलीज मिली, जिसकी वीडियोग्राफी की गई थी।
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि मस्जिद के अंदर कुछ टूटी हुई संरचनाएं मिली हैं।
मिश्रा ने कहा कि उन्होंने चिप प्रारूप में एक वीडियो अदालत में जमा किया है।
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Source : IANS