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'शरजील सीएए विरोधी प्रदर्शन को देशव्यापी बनाने को बेताब था'

शरजील नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने के लिए बेताब था और ऐसा करने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रहा था.

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Nihar Saxena
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Sharjeel Imam

शरजील इमाम के खिलाफ एक और आरोपपत्र दाखिल.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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जेएनयू (JNU) के छात्र शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस (Delhi Police) द्वारा दाखिल एक नए आरोपपत्र में दावा किया गया है कि वह नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने के लिए बेताब था और ऐसा करने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रहा था. शरजील (Sharjeel Imam) को कथित तौर पर भड़काऊ भाषणों के कारण देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. आरोपपत्र में दावा किया गया है कि उसके बयानों के अनुसार, इमाम पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों में से एक के संपर्क में था, जिसने उसे पीएफआई के सदस्य के रूप में विरोध करने का सुझाव दिया था.

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आरोपपत्र में कहा गया है, 'आरोपी उस स्तर पर विरोध प्रदर्शन कोले जाने के लिए बहुत बेताब था, जहां प्रदर्शनकारियों के सरगनाओं ने भीड़ को अपने हाथ में ले लिया था.' इसमें आगे कहा गया कि इमाम ने न सिर्फ समुदायों को जुटाया, बल्कि दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में 'चक्का जाम' कराने की भी कोशिश की. इमाम के बयानों और उसके कॉल डिटेल रिकॉर्ड के विश्लेषण से यह पता चला कि उसने सीलमपुर और खुरेजी में प्रदर्शन स्थलों का दौरा किया था. इस बात की पुष्टि व्हाट्सएप चैट के माध्यम से भी हुई, जिसमें आगे कहा गया कि स्थानीय मस्जिदों के स्थानीय इमामों की मदद लेकर उत्तर-पूर्व जिले में गलत सूचना फैलाने में कथित रूप से उसका हाथ था.

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आरोपपत्र में आगे आरोप लगाया गया है कि इमाम और उसके समूह ने विभिन्न मस्जिदों की पहचान की थी और सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की आड़ में बड़ी संख्या में मुस्लिम लोगों को जुटाने के लिए कुछ लोगों को इन मस्जिदों में पर्चे बांटने का काम सौंपा था. ताजा आरोपपत्र गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम के तहत नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ देश विरोधी भाषण देने से संबंधित मामले में दाखिल किया गया. आरोपपत्र में भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (देशद्रोह), 153 (ए) (शत्रुता को बढ़ावा देना), 153 (बी) (राष्ट्रीय अखंडता के प्रति हानिकारक अभिकथन), 505 (अफवाहें फैलाना) और गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13 के तहत भी आरोप लगाए गए हैं.

Source : News Nation Bureau

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