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मोदी के मुरीद हुए शरद पवार, कहा- हाथ में लिए काम को पूरा करके ही दम लेते हैं

एनसीपी चीफ शरद पवार ने मोदी की कार्यशैली को सराहा, कहा- मैंने यूपीए सरकार में उनके खिलाफ बदले की राजनीति का विरोध किया था.

Updated on: 30 Dec 2021, 11:13 AM

highlights

  • 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार में शरद पवार कृषि मंत्री थे. 
  • कहा, पीएम मोदी की प्रशासन पर अच्छी पकड़ है
  • पवार ने कहा, मनमोहन सिंह मोदी के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने के पक्ष में थे

नई दिल्ली:

एनसीपी (NCP Nationalist Congress Party) चीफ शरद पवार (sharad pawar)  ने बुधवार को पीएम मोदी की तारीफ कर कहा कि यूपीए सरकार में ज्यादातर मंत्री उनके खिलाफ थे और उस समय गुजरात सरकार के खिलाफ कठोर कदम उठाने की हिमायत करते थे. एक कार्यक्रम के दौरान पवार ने  यह स्पष्ट करा कि कैसे उन्होंने और उस समय पीएम मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) ने गुजरात के सीएम रहे नरेंद्र मोदी (Narendra modi) के खिलाफ किसी तरह के बदले की कार्रवाई का विरोध किया था. पवार ने कहा कि यूपीए सरकार में उनके अलावा ऐसा कोई नहीं था, जो उस समय मोदी से बात कर सकता था. मोदी लगातार मनमोहन सरकार पर हमला बोलते थे. गौरतलब है कि 2004 से 2014 तक यूपीए सरकार में शरद पवार कृषि मंत्री थे. 

मोदी के काम के तरीके की तारीफ करते हुए पवार ने कहा कि वह एक बार कोई काम शुरू करते हैं तो उसे पूरा करते हैं. पवार के अनुसार, पीएम मोदी का स्वभाव ऐसा है कि एक बार जब वह किसी भी कार्य को अपने हाथ में ले लेते हैं, तो वह यह सुनिश्चित कर लेते हैं कि जब तक वह कार्य पूरा न हो जाए, तब तक वह नहीं रुकेंगे. पीएम मोदी की प्रशासन पर अच्छी पकड़ है और यही उनका सबसे मजबूत पक्ष है.'

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हम बदले की कार्रवाई नहीं चाहते थे 

शरद पवार से एक सवाल किया गया कि ऐसे समय में जब नरेंद्र मोदी सीएम थे और तत्कालीन सरकार के साथ ही केंद्रीय एजेंसियां उनके पीछे थीं, तब वह और मनमोहन सिंह मोदी के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने के पक्ष में थे. इस पर पवार ने जवाब दिया कि यह कुछ हद तक सही है. शरद पवार ने कहा, 'जब मोदीजी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, मैं केंद्र में था. पीएम जब सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक करते थे, तब भाजपा शासित राज्यों के सीएम की अगुवाई मोदी किया करते थे और केंद्र पर हमलावर होते थे. ऐसी स्थिति में मोदी से निपटने के लिए रणनीति तैयार की जाती थी. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में मेरे अलावा एक भी ऐसा मंत्री नहीं था जो पीएम मोदी से बात कर सके.'